पूजा खेडकर के बाद और 6 अधिकारियों पर लटकी तलवार! एक्शन की तैयारी में DOPT, मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच शुरू

सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने के बाद कुछ प्रोबशनर्स और कुछ सेवारत अधिकारियों के विकलांगता प्रमाण पत्र अब जांच के दायरे में आ गए हैं. पूजा खेडकर पर फर्जीवाड़े के आरोप के बाद यूपीएससी ने ट्रेनी आईएएस की नियुक्ति रद्द कर दी है.
IAS Pooja Khedkar

पूजा खेडकर

धांधली, जालसाजी और फर्जीवाड़े के इल्जामों के बाद हटाई गईं पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर 6 और अफसरों की मुसीबत बढ़ा गई हैं. पूजा खेडकर का केस सामने आने के बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 6 दूसरे अधिकारियों के मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक जिन अफसरों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की गई है, उनका नाम और उनके प्रमाण पत्र पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जा रहे थे.

सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने के बाद कुछ प्रोबशनर्स और कुछ सेवारत अधिकारियों के विकलांगता प्रमाण पत्र अब जांच के दायरे में आ गए हैं. बता दें कि पूजा खेडकर पर फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन यानी यूपीएससी ने ट्रेनी आईएएस की नियुक्ति रद्द कर दी है. यूपीएससी ने ना सिर्फ उनकी उम्मीदवारी रद्द की, बल्कि आगे भी उसके किसी इम्तेहान या चयन में शामिल होने पर रोक लगा दी है.

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पूजा ने बदला था माता-पिता का नाम

यूपीएसपी के मुताबिक पूजा खेडकर का मामला अकेला ऐसा केस है, जिसमें यूपीएससी उनके दावेदारी की पहचान नहीं कर सका, क्योंकि पूजा ने सिर्फ अपना ही नहीं, बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल लिया था. यूपीएससी ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध दस्तावेजों की शुरुआती जांच से ये साफ हो चुका है कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन यानी सीएसई-2022 के नियमों का उल्लंघन किया.

पूजा ने नहीं रखा अपना पक्ष

यूपीएससी ने 18 जुलाई को पूजा खेडकर को इस सिलसिले में एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि आखिर उन्होंने कैसे फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदल कर लिमिट से ज्यादा बार यूपीएससी की परीक्षाओं में हिस्सा लिया? उन्हें अपना जवाब देने के लिए 25 जुलाई तक वक्त दिया गया था, हालांकि पूजा ने 4 अगस्त तक का वक्त मांगा था.

जिस पर यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई की दोपहर साढ़े तीन बजे तक का समय दिया था, ताकि वो अपना पक्ष रक सकें, लेकिन इसके बावजूद पूजा ने अपनी बात नहीं रखी और यूपीएससी ने उनकी नियुक्ति ही रद्द कर दी.

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