Ajit Doval Birthday: पाकिस्तान में 7 साल तक जासूस बनकर रहे अजीत डोभाल, आज भी नाम सुनकर कांप उठते हैं भारत के दुश्मन
Ajit Doval: जेम्स बॉन्ड ऑफ़ इंडिया (James Bond of India) के नाम से जाने वाले भारत के मशहूर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval ) का आज जन्मदिन है. दुश्मनों पर पैनी नज़र रखनी हो या दुश्मनों को धूल चटाना हो, अजीत डोभाल का नाम सबसे पहले आता है. अजीत डोभाल के नाम से दुश्मन भी कांप उठते हैं. बालाकोट स्ट्राइक की बात करें या फिर ऑपरेशन ब्लैक थंडर (Operation Black Thunder) की अजीत डोभाल ने भारत की सुरक्षा में शुरू से ही अहम भूमिका निभाई है.
अजीत डोभाल न सिर्फ भारत के पूर्व ख़ुफ़िया अधिकारी हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं. देश की सुरक्षा के लिए अपने आपको समर्पित करने वाले अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी, गढ़वाल के गिरि बनल्स्युन गांव में हुआ था. अजीत डोभाल के पिता गुनानाद डोभाल भारतीय सेना के अधिकारी थे.
चीन के BRI पर अजीत डोभाल का IMEC से मुंहतोड़ जवाब
अजीत डोभाल ने हाल में हुई G20 Summit 2023 के दौरान भारत के द्वारा पेश किए गए ‘इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (IMEC) प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाई है. जिसके लिए वें एक बार फिर चर्चा का विषय बने थे. IMEC प्रोजेक्ट को तैयार करने में अजीत डोभाल ने विशेष भूमिका निभाई है. चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट में श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे कई देश कर्ज में फंसते चले जा रहे थे. लेकिन IMEC पर जोर देकर भारत ने चीन मुंहतोड़ जवाब दिया. इस मेगा प्रोजेक्ट को तैयार करने के पीछे एनएसए अजीत डोभाल का विशेष योगदान रहा है.
पाकिस्तान में रिक्शावाला बनकर रहे
ये बात तब की है अजीत डोभाल भारत के लिए जासूसी करते थे. अजीत डोभाल शुरू से ही आतंकी गतिविधियों पर अपनी पैनी नजर बनाए रखते थे. अजीत डोभाल ने पाकिस्तान में 7 साल रहकर भारत के लिए अंडर कवर एजेंट का काम किया है. इसी दौरान उन्होंने एक रिक्शावाला बनकर पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर नज़र रखी और पाकिस्तान की दोहरी रणनीति को पकड़ने में कामयाब रहे. इस दौरान वें पकड़े जाने से भी बचे थे. अजीत डोभाल ने भारतीय सेना के लिए भी काम किया है.
देश के अकेले पुलिस अधिकारी जिन्हें मिला कीर्ति चक्र
अजीत डोभाल को उनके कामों के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. अजीत डोभाल देश के अकेले ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है.