Odisha: जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोले गए, ओडिशा CM मोहन माझी ने सत्ता संभालते ही पूरा किया पहला चुनावी वादा
Odisha News: ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार गुरुवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की उपस्थिति में जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खोले गए. इस दौरान पुरी के सांसद संबित पात्रा, बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी भी मौजूद रहे. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के दौरान जनता से जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खोलने का वादा किया था.
सीएम मोहन माझी ने कही ये बात
सरकार ने वादा निभाया, CM मोहन चरण माझी ने कहा- “आज सुबह प्रशासन की उपस्थिति में 4 द्वारों को खोला गया”@MohanMajhiBJP#Odisha #Puri #PuriJagannathTemple #MohanCharanMajhi #VistaarNews pic.twitter.com/jyqRTQWNWM
— Vistaar News (@VistaarNews) June 13, 2024
ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने बताया कि कल कैबिनेट की बैठक में जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार खोलने का प्रस्ताव रखा था. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “प्रस्ताव पारित हो गया और आज सुबह 6:30 बजे, मैं अपने विधायकों और पुरी के सांसद संबित पात्रा के साथ ‘मंगला आरती’ में शामिल हुआ.”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “जगन्नाथ मंदिर और अन्य कार्यों के विकास के लिए हमने कैबिनेट में एक फंड का प्रस्ताव रखा है. जब हम अगला राज्य बजट पेश करेंगे तो हम मंदिर प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये का एक कोष आवंटित करेंगे.”
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‘मोदी की गारंटी यानी हर गारंटी पूरा होने की गारंटी’
पुरी सांसद और भाजपा के फायर ब्रांड नेता संबित पात्रा ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार को खोलकर ओडिशा की भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को सिद्ध किया है. उन्होंने कहा, “मोदी की गारंटी यानी हर गारंटी पूरा होने की गारंटी. महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन के लिए श्री मंदिर के चारों द्वार खोलकर राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सिद्ध किया है. नवनिर्वाचित सरकार के शपथ ग्रहण के 24 घंटे के अंदर इस अभिनंदनीय निर्णय के लिए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों का हृदयपूर्वक आभार एवं धन्यवाद.”
कोविड के बाद से बंद थे चारों द्वार
नवीन पटनायक की सरकार ने कोविड-19 के बाद से जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार को बंद कर रखा था. श्रद्धालुओं को केवल एक द्वार से ही प्रवेश की अनुमति थी. लंबे समय से भक्तगण सभी द्वार खोलने की मांग कर रहे थे.