‘जीजा-साली में संबंध गलत, लेकिन महिला बालिग है तो नहीं मान सकते रेप’- इलाहाबाद हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

Allahabad High Court: हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जीजा और साली के बीच संबंध अनैतिक है. हालांकि, अगर महिला बालिग है और दोनों के बीच बने संबंध सहमति से हैं तो यह दुष्कर्म नहीं है.
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जीजा और साली के बीच संबंध अनैतिक है, लेकिन सहमति से बना संबंध दुष्कर्म नहीं माना जा सकता है

Allahabad High Court: हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि जीजा और साली के बीच संबंध अनैतिक है. हालांकि, अगर महिला बालिग है और दोनों के बीच बने संबंध सहमति से हैं तो यह दुष्कर्म नहीं है. साली (Sister-in-Law) के साथ रेप के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी पति को राहत दी है. जमानत पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भले ही जीजा और साली के बीच रिश्ता अनैतिक है, लेकिन अगर महिला 18+ की है तो इस रिश्ते को बलात्कार नहीं माना जा सकता है. आरोपी पुरुष को जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया गया था और अब हाई कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है.

जस्टिस समीर जैन की पीठ ने आरोपी जीजा को जमानत देते हुए टिप्पणी की है कि, जीजा साली का रिश्ता अनैतिक है, लेकिन महिला के बालिग होने के चलते इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता है. अदालत ने इस बात पर भी विचार किया कि आवेदक और पीड़िता के बीच अवैध संबंध बने थे. आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है. इसलिए उसे जमानत दी गई.

आरोपी जीजा पर IPC के तहत मामला दर्ज

बता दें कि आरोपी पुरुष (जीजा) पर धारा 366, 376, 506 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया था. उस पर आरोप लगाया गया कि वह अपनी साली को शादी करने का झूठा वादा करके बहला-फुसलाकर भगा ले गया था. आवेदक के वकील की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पीड़िता बालिग है. उसने धारा 161 के तहत दिए बयान में आरोपों से इनकार किया था. साथ ही कहा था कि उसने शादीशुदा शख्स के साथ संबंध बनाए थे. बाद में उसने बयान बदल दिया.

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क्या है पूरा मामला

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस समीर जैन की बेंच ने हाल ही में इस मामले की सुनवाई की है. आवेदक पुरुष के वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में मुवक्किल के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं. जीजा और साली के बीच अवैध संबंध बने थे और जब इसकी जानकारी सूचनादाता को लगी, तब उन्होंने FIR दर्ज कराई थी. जमानत का विरोध कर रहे वकील इस तथ्य से इनकार नहीं कर सके कि कथित पीड़िता बालिग है.

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