‘हिंदू और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं’, बांग्लादेश हिंसा के बीच सुवेंदु अधिकारी ने बताया क्यों जरूरी है CAA
Bangladesh Violence: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हलचल मची हुई है. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अभी भी हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में हैं, जिनकी आगे की रणनीति को लेकर सरकार में मंथन चल रहा है. उधर, बांग्लादेश में जल्द ही नई अंतरिम सरकार का गठन हो सकता है. छात्रों ने अल्टीमेटम दिया था कि उन्हें न तो बांग्लादेश में सैन्य शासन कबूल है और न ही सैन्य समर्थित सरकार कबूल है. छात्रों के अल्टीमेटम के बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन संसद भंग कर दी है.
बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संकट के बीज पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने बड़ा बयान दिया है. पड़ोसी देश में जारी हिंसा पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में (अल्पसंख्यकों की) स्थिति को देखते हुए, सभी को सीएए के महत्व को स्वीकार करना होगा… बांग्लादेश में इतिहास दोहराया जा रहा है. हिंदुओं और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं. ”
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भारत छोड़ सकती हैं शेख हसीना
हिंसा के बीच बांग्लादेश छोड़ शेख हसीना भारत आईं. अब बताया जा रहा है कि अगले 48 घंटे में वह भारत छोड़ सकती हैं. सूत्रों की मानें तो हसीना यूरोप के किसी देश में जा सकती हैं. इसके अलावा अन्य देशों से भी उनकी बातचीत चल रही है. ऐसी भी चर्चा है कि वह रूस में भी शरण ले सकती हैं. फिलहाल शेख हसीना को गाजियाबाद स्थित हिंड़न एयरबेस के सेफ हाउस में रखा गया है. भारत ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की है.
#WATCH | Delhi: On the situation in Bangladesh, West Bengal LoP and BJP leader Suvendu Adhikari says, “… Seeing the situation (of minorities) in Bangladesh, everyone has to accept the importance of the CAA… History is being repeated in Bangladesh. Minority Hindus and temples… pic.twitter.com/AKiGhU5gWZ
— ANI (@ANI) August 6, 2024
दूसरे देश भेजने का व्यवस्था करेगा भारत!
यह भी बताया जा रहा है कि शेख हसीना को अन्य देश भेजने के लिए भारत द्वारा ही व्यवस्था की जाएगी. कारण, वह जिस विमान से भारत आई थीं, वो बांग्लादेश वायुसेना का था और वापस पड़ोसी मुल्क जा चुका है. ऐसे में अब शेख हसीना जिस भी देश में शरण लेने जाएंगी, वहां भारत अपने विमान से उन्हें पुख्ता सुरक्षा के साथ रवाना करेगा. इसको लेकर भी सरकार की बैठकें जारी हैं. और तमाम मुद्दों को लेकर चर्चा चल रही है.
आरक्षण के मुद्दे पर भड़की थी हिंसा
बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर कई बार हिंसा भड़की थी. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए. पहले जब हिंसा भड़की थी तब कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था. लेकिन हिंसा नहीं थमी और अब प्रदर्शनकारी शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं. अब तक 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
अधिकारियों ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशनों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला किया और कई वाहनों को जला दिया. सरकार ने मेटा प्लेटफॉर्म फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया. इससे पहले जुलाई में भी स्टूडेंट प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा हुई थी. उस समय ढाका के मुंशीगंज जिले के एक पुलिसकर्मी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पूरा शहर युद्ध के मैदान में बदल गया.