‘झारखंड में EVM ठीक और महाराष्ट्र में नहीं?’ Amit Shah ने संविधान संशोधन पर कांग्रेस को जमकर घेरा

राज्यसभा में अपने संबोधन में गृहमंत्री ने मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए कामों पर बात करते हुए ट्रिपल तलाक, जीएसटी, न्यू एज्युकेशन पॉलिसी का जिक्र किया.
Amit Shah

अमित शाह

Amit Shah: आज राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने संबोधन दिया. अपने संबोधन में गृहमंत्री ने मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए कामों पर बात करते हुए ट्रिपल तलाक, जीएसटी, न्यू एज्युकेशन पॉलिसी का जिक्र किया. उन्होंने हाल ही में हुए झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर चुटकी लेते हुए कहा, “झारखंड में ईवीएम ठीक है और महाराष्ट्र में ईवीएम ठीक नहीं है”.

संविधान में संशोधन का प्रावधान है

संविधान पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमारे संविधान में संविधान को कभी अपरिवर्तनीय नहीं माना गया. अनुच्छेद 368 में संविधान में संशोधन का प्रावधान है. 54 साल के नेता जो खुद को ‘युवा’ कहते हैं, संविधान को लेकर घूमते रहते हैं और कहते हैं कि हम संविधान बदल देंगे. मैं बताना चाहता हूं कि संविधान में संशोधन का प्रावधान संविधान में है.”

पीएम नेहरू पर भी बोली हमला

गृह मंत्री ने पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू पर हमला बोलते हुए कहा, “…पहला संशोधन 18 जून 1951 को किया गया था…संविधान बनने के बाद कांग्रेस के पास इतना धैर्य नहीं था कि वह सत्ता में जाने से पहले लोकसभा चुनाव का इंतजार करती…अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कम करने के लिए अनुच्छेद 19 ए जोड़ा गया…और उस समय जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे…”

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ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है

गृह मंत्री अमित शाह ने भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत पर कहा, “… हमारे देश की जनता और हमारे संविधान ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो कहते थे कि हम कभी आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो पाएंगे… आज हम 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं… हमने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है…”

संविधान में संशोधन पर कांग्रेस को घेरा

शाह ने कहा, “भाजपा ने 16 साल राज किया और 22 बार संविधान में संशोधन किया. वहीं कांग्रेस ने 55 साल राज किया और 77 बार संविधान में परिवर्तन किया. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने परिवर्तन किए, लेकिन परिवर्तन का उद्देश्य क्या था? इससे पार्टी का संविधान में विश्वाश का पता चलता है. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय संविधान में पहला संशोधन किया गया और 19A जोड़ा. ये संशोधन अभियक्ति की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कर्टेल करने के लिए किया गया.”

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