‘बीजेपी को 35 साल तक कोई हिला नहीं सकता’, पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में बोले अमित शाह

पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई शीर्ष नेता शामिल रहे. बैठक के बाद अमित शाह ने बयान दिया कि बीजेपी अगले 25 साल तक सत्ता में बनी रहेगी और कोई भी 35 साल तक बीजेपी को सत्ता से हटा नहीं सकता.
Amit Shah

अमित शाह

Amit Shah In BJP Meeting: दिल्ली में आयोजित बीजेपी पदाधिकारियों की अहम बैठक खत्म हो गई है. बैठक में पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार हुई, सभी राज्यों में सदस्यता अभियान को गति देने की योजनाओं पर चर्चा हुई. पार्टी के नेताओं को सदस्यता अभियान का पदाधिकारी बनाया गया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, 1 से 25 सितंबर तक सदस्यता अभियान का पहला चरण होगा. इसके बाद 1 से 15 अक्टूबर तक सदस्यता अभियान का द्वितीय चरण चलेगा. वहीं, 16 से 31 अक्टूबर तक देशभर में सक्रिय सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. जबकि 1 से 10 नवंबर तक प्राथमिक एवं सक्रिय सदस्यता का रजिस्टर तैयार होगा.

पार्टी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई शीर्ष नेता शामिल रहे. बैठक के बाद अमित शाह ने बयान दिया कि बीजेपी अगले 25 साल तक सत्ता में बनी रहेगी और कोई भी 35 साल तक बीजेपी को सत्ता से हटा नहीं सकता.अमित शाह ने बीजेपी की ताकत और संगठन को लेकर भरोसा जताया और कहा कि बीजेपी जहां सत्ता में है. वहां से जाती नहीं.

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“कांग्रेस जहां जाती है फिर वहां आती नहीं”

इसके विपरीत, कांग्रेस पर तंज कसते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस जहां जाती है फिर वहां आती नहीं. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा की है, जिसके बाद बीजेपी में बैठकों का दौर जारी है.

जेपी नड्डा ने सहयोगी दलों के साथ की बैठक

इससे पहले शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी पार्टी के सहयोगी दलों के साथ बैठक की. बताया गया कि यह बैठक सत्तारूढ़ एनडीए के घटकों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए बुलाई गई है. सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन में सुचारू समन्वय सुनिश्चित करने और किसी भी मतभेद को दूर करने के लिए एनडीए की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाएगी.

यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता की वकालत करने के एक दिन बाद हुई, जिस मुद्दे पर कई सहयोगी भाजपा के साथ एकमत नहीं हैं.

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