अंकिता भंडारी मर्डर केस में तीनों दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट ने 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया

पुलकित ने ही अंकिता के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन मामले की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने पुलकित की भूमिका को संदेहास्पद पाया.
अंकिता भंडारी

अंकिता भंडारी

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में कोर्ट तीन साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है. कोटद्वार की एक अदालत ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया था.

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और 200 मीटर के एरिया को पूरी तरह सील कर दिया गया था. कोर्ट रूम में केवल केस से जुड़े लोग और जरूरी स्टाफ ही मौजूद थे. तीन साल पहले उत्तराखंड में हुए इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया था. ऐसे में शुक्रवार को अदालत के फैसले पर सभी की नजरें थीं.

रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी अंकिता

गढ़वाल के बेहद सामान्य परिवार की रहने वाली अंकिता के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और ऐसे में वह नौकरी की तलाश कर रही थी. काफी मशक्कत के बाद उसे ऋषिकेश के वंतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली थी. लेकिन, 18 सितंबर 2022 को अंकिता लापता हो गई थी और बाद में 24 सितंबर, 2022 को उसका शव बरामद हुआ था. इस मामले में पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य को उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ गिरफ्तार किया था.

विपक्ष ने भी किया था जमकर प्रदर्शन

आरोप था कि पुलकित आर्य ने अपने दो सहयोगियों की मदद से अंकिता की हत्या की थी और उसका शव चीला नहर में फेंक दिया था. बाद में इसी नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ था. पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य और भाई अंकित भाजपा नेता थे, जिन्हें इस हत्याकांड के बाद पार्टी ने निष्कासित कर दिया था. इस हत्याकांड को लेकर कई दिनों तक विपक्षी दलों और अन्य सामाज ने खूब प्रदर्शन किया और भाजपा पर आरोप लगाए कि मामले को दबाने और विनोद आर्य के बेटे को बचाने की कोशिश की जा रही है.

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पुलकित और उसके सहयोगियों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

पुलकित ने ही अंकिता के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन मामले की जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने पुलकित की भूमिका को संदेहास्पद पाया. इसके बाद पुलकित और उसके दोनों सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में यह भी सामने आया कि रिजॉर्ट में वीआईपी गेस्ट को ‘स्पेशल ट्रीटमेंट’ देने के लिए अंकिता को पुलकित ने फोर्स किया था, लेकिन उसके मना करने के बाद यह विवाद बढ़ गया था. इसके बाद ही रिजॉर्ट मालिक ने सौरभ और अंकित के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी थी. बाद में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल किया था.

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