“लालू यादव की राह पर केजरीवाल, पत्नी को बनाना चाहते हैं सीएम”, BJP का बड़ा आरोप

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस विवाद के चलते दिल्ली की राजनीति में आगामी घटनाक्रम पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा. अरविंद केजरीवाल की इस्तीफे की घोषणा और बीजेपी के आरोप इस बात का संकेत हैं कि राजनीति में नए मोड़ आ सकते हैं.
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला और दिल्ली के सीएम केजरीवाल

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला और दिल्ली के सीएम केजरीवाल

BJP On Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है. जेल से बाहर आते ही केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की, जिसने दिल्ली और देश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है. अब बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं.

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि केजरीवाल अपने विधायकों को सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहे हैं. पूनावाला ने इसे लालू-राबड़ी या सोनिया-मनमोहन मॉडल की तरह बताया, जिसमें शक्ति तो पूरी होती है लेकिन जवाबदेही से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा, “मेरे सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल ने इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय मांगा है ताकि विधायकों को अपनी पसंद के मुख्यमंत्री को मान्यता देने के लिए दबाव में डाला जा सके.”

केजरीवाल की नई रणनीति

वहीं, अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं देंगे. उन्होंने कहा, “जेल से बाहर आने के बाद मैं अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं.” केजरीवाल ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा पार्टी लोगों को अच्छे स्कूल और मुफ्त बिजली देने में असफल रही है.

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बैठक में चुना जाएगा नया मुख्यमंत्री

केजरीवाल ने यह भी संकेत दिया कि पार्टी की एक बैठक में जल्द ही नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा. उन्होंने यह भी मांग की कि दिल्ली में फरवरी में प्रस्तावित चुनावों को नवंबर में महाराष्ट्र के साथ एक साथ कराए जाएं.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस विवाद के चलते दिल्ली की राजनीति में आगामी घटनाक्रम पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा. अरविंद केजरीवाल की इस्तीफे की घोषणा और बीजेपी के आरोप इस बात का संकेत हैं कि राजनीति में नए मोड़ आ सकते हैं. अब देखना यह होगा कि आम आदमी पार्टी की आगामी रणनीति क्या होगी और ये घटनाक्रम दिल्ली की सियासत को किस दिशा में ले जाएंगे.

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