‘वक्फ की जमीनों को हड़पने की कोशिश’, मोदी सरकार पर भड़के मौलाना अरशद मदनी, बुलडोजर एक्शन पर पूछा सवाल
Maulana Arshad Madani: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली में संविधान बचाओ सम्मेलन के दौरान मुस्लिम उलेमाओं के योगदान को जिक्र किया और आजादी के संघर्ष में मुसलमानों की कुर्बानियों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मुल्क की आजादी में मुसलमान उलेमाओं ने ऐसी शहादत दी है जिसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता. कार्यक्रम में मौलाना मदनी ने कथित फिरकापरस्त ताकतों की आलोचना करते हुए कहा, “ये ताकतें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई को अलग-अलग करना चाहती हैं, लेकिन हम मानते हैं कि ये सभी भाई हैं और भाईचारे को तोड़ने की साजिश रची जा रही है.”
मौलाना मदनी ने कांग्रेस के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस का असली मकसद कभी भी गुलामी की जंजीरों को तोड़ना नहीं था, बल्कि मुस्लिम उलेमाओं ने उसे आजादी की राह पर मोड़ दिया. आजादी के वक्त जमीयत ने मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी से यह गारंटी ली थी कि जब देश आजाद होगा तो वह सेकुलर रहेगा.
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मुसलमानों के लिए नरक बनाया जा रहा है- मौलाना
मौलाना मदनी ने देश में बढ़ रही फिरकापरस्ती पर गहरी चिंता जाहिर की और कहा, “आज जितनी फिरकापरस्ती है उतनी पहले कभी नहीं थी.” उन्होंने कहा, “इस मुल्क में मुसलमानों के लिए एक तरह का जहन्नम बनाया जा रहा है और यह जो हो रहा है, वह मुल्क को आग में झोंकने के लिए हो रहा है.” मौलाना मदनी ने वक्फ बिल पर भी गंभीर चिंता जाहिर की और कहा, “हुकूमत जिन बैसाखियों पर चल रही है, वह इस बिल के जरिए मुसलमानों के खिलाफ जहर घोल रही है.”
‘वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश’
मौलाना मदनी का मानना है कि वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिशें की जा रही हैं और यह संविधान के खिलाफ है. देश में बढ़ते बुलडोजर एक्शन पर मौलाना मदनी ने कहा, “देश में बुलडोजर से गिरने वाले 95 प्रतिशत मकान मुसलमानों के हैं.” उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए सवाल उठाया और कहा, “गलती किसी एक आदमी की होती है, लेकिन पूरा मकान गिरा दिया जाता है जिससे मां-बाप, बीवी-बच्चे बेघर हो जाते हैं.”
इंडिया गठबंधन पर क्या बोले मौलाना मदनी?
मौलाना मदनी ने इंडिया गठबंधन की घोषणा की सराहना की, जिसमें हर धर्म को अपने-अपने मजहब के मुताबिक जीने की आजादी देने की बात कही गई है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की बैसाखी नहीं होती तो बीजेपी की सरकार नहीं बनती.” मौलाना मदनी ने असम के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका “किरदार बदबूदार है” और असम में मुसलमानों को चैन से नहीं जीने दिया जा रहा है.
उन्होंने नागरिकता की बुनियाद पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा, “अगर जमीयत जिंदा रही तो देखेंगे कि असम के मुख्यमंत्री अब क्या करते हैं.” मौलाना मदनी आगे बोले कि इस्लाम एक ऐसा चिराग है जिसे बुझाने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन “यह हिंदुस्तान में हमेशा जिंदा रहेगा.” उनका मानना है कि इस्लाम का चिराग पहले भी जलता रहा है और आगे भी जलता रहेगा.