Bahraich Violence: मुख्यमंत्री कार्यालय से हो रही निगरानी, जुमे की नमाज के लिए बढ़ी सुरक्षा, प्रशासन कर रहा रूट मार्च
Bahraich Violence: बहराइच हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा पूरे क्षेत्र में बढ़ा दी है. इस हिंसा के बाद रैपिड रिस्पॉन्स फोर्स के जवानों को देर रात से ही क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है. रविवार की हिंसा के बाद शुक्रवार की नमाज के वक्त काफी भीड़ हो सकती है. इसी को लेकर क्षेत्र में फोर्स बढ़ा दी गई है.
यूपी के बहराइच हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों को 9 सेक्टर में बांटा गया है. पुलिस और प्रशासन की टीमें तैनात की गई है. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के कारण बहराइच में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.
मुख्यमंत्री कार्यालय में बना कंट्रोल रुम
बहराइच हिंसा से प्रभावित क्षेत्र को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय पुलिस और जिला प्रशासन लगातार संपर्क में है. मुख्यमंत्री कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. इधर, वीडियो फुटेज के माध्यम से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. पुलिस ने इस पूरे मामले में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
बहराइच के हिंसा प्रभावित क्षेत्र महाराजगंज में डीएम मोनिका रानी और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने रूट मार्च किया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महाराजगंज और शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है. प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. मुख्यमंत्री कार्यालय से पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से पल-पल की जानकारी ली जा रही है.
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क्या है बहराइच हिंसा ?
बहराइच जिले की महसी तहसील के महराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी. बीते रविवार की शाम करीब 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में रामगोपाल शामिल था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो दो पक्षों में कहासुनी हो गई. आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई. इस हिंसा में फायरिंग, पत्थरबाजी की गई थी. इसी बीच आरोपियों ने रामगोपाल को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी. शव बरामद होने के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तो पता चला कि रामगोपाल की मौत का कारण गोली लगना बताया गया. मृतक रामगोपाल की 6 महीने पहले ही शादी हुई थी.