Bengaluru Cafe Blast Case: फर्जी ID से खरीदा सिम कार्ड, फिर सुलझी बेंगलुरु विस्फोट की गुत्थी

Bengaluru Cafe Blast Case: चेन्नई के एक लॉज में संदिग्ध रह रहे थे और इस घटना के बाद कैफे के आईईडी हमले में छोड़ी गई बेसबॉल कैप के निशान उन्हें इस लॉज तक ले गए थे.
Rameshwaram Cafe Blast

रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट

Bengaluru Cafe Blast Case: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में बीते महीने हुए विस्फोट के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों की मानें तो एक लॉज से फर्जी आधार लेकर और फिर उसी आधार से आईडी खरीदकर सिम कार्ड खरीद कर इस केस की गुत्थी को सुलझाया गया है. सूत्रों के अनुसार, सिम कार्ड का यूज विस्फोट में सहयोग देने वाले एक व्यक्ति के फोन में किया गया था.

जांच कर रही टीम को यह सुराग मार्च महीने के दौरान मिला था. तब चेन्नई के एक लॉज में संदिग्ध रह रहे थे और इस घटना के बाद कैफे के आईईडी हमले में छोड़ी गई बेसबॉल कैप के निशान उन्हें इस लॉज तक ले गए थे. इसके बाद 27 मार्च को चेन्नई और कर्नाटक में कई स्थानों पर तलाशी की गई. जांच के दौरान एनआईए ने बेंगलुरु के फास्ट फूड आउटलेट के प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया.

जांच में कई बड़े खुलासे

उसी दिन एनआईए ने जांच के बाद बताया कि 30 साल के मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन के रूप में की गई है. जांच के बाद सामने आया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आईएस भर्ती से जुड़े थे और 2020 से लापता थे. गिरफ्तार किए गए आरोपी के पास से पुलिस को नकली पहचान पत्र के साथ सिम कार्ड, कुछ मोबाइल हैंडसेट, नकली आईडी कार्ड और उसके चैट मिले हैं.

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पुलिस के सूत्रों की मानें तो आरोपी चेन्नई में जिस लॉज में रुका था, वहां उपलब्ध हुए दस्तावेजों से शरीफ से जुड़ा एक मोबाइल नंबर मिला. जांच में पता चला कि सिम कार्ड का इस्तेमाल उस फोन में किया गया था, जो चार या पांच महीने पहले शरीफ के पास था. पुलिस को जांच के बाद संदेह है कि मुख्य संदिग्धों ने कई सिम कार्ड और फर्जी आईडी मुहैया कराकर आरोपियों को मदद की है. बता दें कि यह ब्लास्ट एक मार्च को हुआ था.

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