अमेरिका में गौतम अडाणी पर लगा बड़ा आरोप, भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर रिश्वत देने का मामला
Gautam Adani: भारतीय अरबपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में बड़ा और गंभीर आरोप लगा है. ये आरोप उनकी कंपनी के निवेशकों को धोखा देने को लेकर लगाई गई है. अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं. उन पर अमेरिका में अपनी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर रिश्वत देने का आरोप लगा है. भारतीय रुपयों में यह अमाउंट लगभग 2236 करोड़ रुपये की है.
Billionaire Gautam Adani of India’s Adani Group charged in US with bribery, fraud https://t.co/vOGWiHqEE1 pic.twitter.com/w2zFVQnKcW
— Reuters (@Reuters) November 20, 2024
यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है. अडाणी के साथ-साथ 7 अन्य लोग लोगों पर आरोप लगा है. इसमें सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल का नाम शामिल है. अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से अडानी ने झूठ बोला है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
अमेरिकी इन्वेस्टर्स के लगे पैसे
बता दें, सागर, गौतम अडाणी के भतीजे हैं. वहीं वह और विनीत अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं. गौतम अडाणी पर सहित सभी आठ लोगों पर मामला अमेरिका में इसलिए दर्ज हुआ है, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है.
बुधवार को ही अडाणी ने 20 ईयर ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर जुटाने की घोषणा की थी. इसके कुछ घंटों बाद उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं.
अडानी पर लगा आरोप
बुधवार को अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर सहित 8 अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की लार्ज सोलर पावर प्लांट प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रेक्ट पाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी.
अरबों डॉलर का मुनाफा
रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि ये पूरा मामला अरबों डॉलर के मुनाफे से जुड़ा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉसिक्यूटर्स ने अडाणी पर आरोप लगाया है कि इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए अडानी ग्रुप को 20 सालों में करीब 2 अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने की उम्मीद थी. अधिकारियों को ये रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दिए जाने का आरोप लगाया गया है.
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अमेरिकी ने लगाया यह आरोप…
2020 से 2024 के बीच अडाणी समेत सभी आरोपी भारत सरकार के सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने को तैयार हुए. इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान था.
अडाणी ने स्कीम आगे बढ़ाने के लिए एक भारतीय सरकारी अधिकारी से मुलाकात की. सागर और विनीत ने स्कीम पर काम करने के लिए कई मीटिंग रखीं.
कोर्ट में कहा गया कि साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल ने रिश्वत स्कीम में ग्रैंड ज्यूरी, FBI और US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की जांच रोकने की साजिश रची. इन चारों ने स्कीम से जुड़े ईमेल, मैसेज और एनालिसिस भी मिटाए.
अडाणी ग्रीन एनर्जी ने कॉन्ट्रैक्ट के तहत फंड देने के लिए अमेरिकी इन्वेस्टर्स और अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से कुल 3 बिलियन डॉलर रकम जुटाई.