Bihar Politics: खुद को पीएम मोदी का ‘हनुमान’ बताने वाले चिराग क्यों हैं खामोश? कहीं वजह नीतीश तो नहीं! तेजस्वी के ऑफर के बाद अटकलें तेज

Bihar Politics: दो मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी की बिहार में एक रैली हुई. सूत्रों की माने तो चिराग पासवान हो भी इस रैली में हिस्सा लेना था लेकिन वह नहीं गए.
Chirag Paswan PM Narendra Modi

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अन्य नेता (फोटो- सोशल मीडिया)

Bihar Politics: बिहार में एनडीए गठबंधन के दलों के बीच जो खिचड़ी पक रही है अब उसपर सवाल होने लगे हैं. खास तौर पर चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सियासी अटकलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इन अटकलों के बीच पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को इशारों-इशारों में ऑफर दिया तो अटकलों को हवा मिल गई. अटकलों की शुरूआत बीते दो मार्च को हुई थी, जिसके बाद तमाम कयास लगाए जा रहे हैं.

दरअसल, बीते दो मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी की बिहार में एक रैली हुई. सूत्रों की माने तो चिराग पासवान हो भी इस रैली में हिस्सा लेना था. उनके लिए मंच पर जगह भी थी लेकिन बाद में जब यह तय हो गया कि वह नहीं आएंगे तो कुर्सी हटा दी गई. हालांकि बीते लंबे वक्त से खुद को पीएम मोदी का ‘हनुमान’ बताने वाले चिराग पासवान का मन ऐसे बदलेगा किसी को उम्मीद नहीं थी. राजनीति के जानकार इसकी वजह सीएम नीतीश कुमार को बता रहे हैं.

Chirag Paswan Modi
पीएम नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान (फोटो- सोशल मीडिया)

नीतीश कुमार पर सवाल

हमेशा ही चिराग पासवान राज्य में नीतीश कुमार को उनकी नीतियों की वजह से घेरते रहे हैं और कई दफा उनपर जबरदस्त जुबानी हमले भी किए हैं. लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी बीते महीने एनडीए का हिस्सा हो गई थी. इसके बाद चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के सुर तो बदले लेकिन मौके दर मौके पर अपने बयानों के माध्यम से अपने रुख का संकेत देते रहे. अब जब दोनों ही नेताओं ने पीएम मोदी की रैली से दूरी बनाई तो फिर बातें खुलकर सामने आ गई.

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अब एक बार फिर से पीएम मोदी बिहार के बेतिया में बुधवार को रैली करने जा रहे हैं. इस बार भी खबर लिखे जाने तक दोनों ही नेताओं के रैली में पहुंचने की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आई है. ऐसी स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है. संभव है कि ये दोनों नेता अपने कार्यक्रम को लेकर व्यस्त होने की वजह से नहीं भी पहुंच सके होंगे. लेकिन इन्होंने अपने सोशल मीडिया के जरिए पीएम के दौरे को लेकर कोई पोस्ट भी नहीं किया. यानी संकेत स्पष्ट हैं हालांकि उनकी खामोश भी बहुत कुछ बताने के लिए काफी है.

यह दोनों नेता नीतीश कुमार का विरोध करते हुए ही एनडीए के साथ हैं. अब नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी की स्थिति में दोनों असमंजस की स्थिति में नजर आते हैं. इसके अलावा आगामी चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग का मुद्दा भी अटकलों को बल दे रहा है. चिराग पासवन और उनके चाचा पशुपति नाथ पारस के बीच हाजीपुर सीट को लेकर तकरार किसी से छीपी नहीं है. वहीं सूत्रों की माने तो चिराग की पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए छह सीट मांग रही है.

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