Lok Sabha Election: यूपी में 24 सीटों पर BJP कर सकती है प्रयोग, मेनका, वरुण, संघमित्रा… कई दिग्गजों का सियासी भविष्य अधर में!
Lok Sabha Election 2024: कुछ ही दिनों में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. आगामी चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी कड़ी में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी 195 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश की 51 सीटें भी शामिल हैं. हालांकि, BJP ने यूपी की प्रत्याशियों की पहली सूची में किसी भी नए प्रयोग से परहेज किया है. अटकलें हैं कि बीजेपी अगली बार 24 सीटों के लिए लिस्ट जारी कर सकती है. आने वाली 24 नामों वाली लिस्ट सबको चौंका सकती है.
कई वर्तमान सांसदों का कटेगा पत्ता
ऐसे में प्रदेश की राजनीति करवट लेती नजर आ रही है. सूत्रों की ओर से मिल रही जानकारी के अनुसार अगली लिस्ट में कई वर्तमान सांसदों का पत्ता कट सकता है. बची हुई सीटों पर स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा, मेनका गांधी, वरुण गांधी, जनरल वीके सिंह, रमापति, रीता, बृजभूषण, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी, वीरेंद्र सिंह मस्त जैसे कई दिग्गजों के सियासी भविष्य का फैसला होना अभी बाकी है. बता दें कि BJP ने पहली लिस्ट में 44 सीटों पर मौजूदा सांसदों पर फिर से दांव लगाया है.
5 सीटों पर लड़ेंगे सहयोगी दल
वहीं हारी हुई तीन सीटों लालगंज, संभल और अमरोहा पर BJP ने पुराने चेहरों को फिर से मौका दिया है. बता दें कि बीजेपी ने यूपी की पांच सीटें अपने सहयोगी रालोद, अपना दल (एस) और सुभासपा को दे दी हैं. ऐसे में बची 24 सीटों को लेकर अभी घमासान होना बाकी है. जानकार सूत्रों की ओर से मिल रहे संकेतों केअनुसार पहली लिस्ट में वही सीटें रोकी गई हैं जिन पर कोई पेंच है या फिर प्रत्याशी बदले जाने तय है.
जनरल वीके सिंह को लेकर फैसला बाकी
मोदी सरकार के प्रदेश के दर्जनभर मंत्रियों में से जनरल वीके सिंह को छोड़कर बाकी सबके नाम पहली सूची में सामने आ गए हैं. इसमें गाजियाबाद, मेरठ और सहारनपुर की सीटें भी फंसी हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि गाजियाबाद सीट से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नाम की चर्चा तेज है. बता दें कि यह सीट भाजपा के लिए बेहद सुरक्षित मानी जाती है. गाजियाबाद की सीट से ही मेरठ और सहारनपुर की सीटों के समीकरण जुड़े हैं. गाजियाबाद सीट पर बदलाव का असर मेरठ और सहारनपुर में भी दिख सकता है. सहारनपुर से पूर्व प्रत्याशी राघव लखनपाल के नाम पर भी चर्चा चल रही है.
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बृजभूषण सिंह की सीट पर बदलाव के संकेत
बहराइच से अक्षयवर लाल, बरेली से संतोष गंगवार और कानपुर से सत्यदेव पचौरी की सीटों पर भी संशय कायम है. रमापति राम त्रिपाठी की देवरिया सीट को अगली लिस्ट में जगह दी जाएगी. इस सीट पर कई दावेदारों ने अपना नाम आगे कर दिया है. वहीं महिला पहलवानों के आंदोलन के चलते बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह और उनकी कैसरगंज सीट भी पहली लिस्ट में नहीं है. हालांकि यह सीट उन्हीं के परिवार के किसी अन्य सदस्य को मिलने की संभावना जताई जा रही है.
संघमित्रा मौर्य लेकर संशय कायम
स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री और बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य को लेकर अटकलें तेज हैं. उनके पिता की ओर से भाजपा पर किए जा रहे तीखे हमलों से संघमित्रा की सीट पर संशय बरकार है. अलीगढ़ की सीट पर भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत चल रही है. इसी तरह बलिया में नीरज शेखर की संभावनाओं के बीच वीरेंद्र सिंह मस्त का नाम भी पहली लिस्ट से बाहर रहा. रीता बहुगुणा की इलाहाबाद सीट पर भी बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं.
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रायबरेली पर कांग्रेस पत्ते खुलने का इंतजार
भाजपा की 2019 की हारी हुई सीटों की संख्या 16 थी. इसके बाद रामपुर और आजमगढ़ के उपचुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की. अब बाकी बची 12 में से 7 पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं. 5 सीटों मुरादाबाद, सहारनपुर, गाजीपुर, मैनपुरी और रायबरेली पर फैसला होना बाकी है. अटकलें हैं कि रायबरेली सीट पर बीजेपी को कांग्रेस के नाम की घोषणा का इंतजार कर रही है. वहीं मुरादाबाद में पूर्व प्रत्याशी सर्वेश कुमार के नाम को लेकर पेंच फंसा है.