6 दिनों में 2 बार BLA ने दिए पाकिस्तान को जख्म, ट्रेन हाईजैक के बाद आर्मी बस उड़ाई, TTP ने भी पाक के खिलाफ किया जंग का ऐलान

पाकिस्तान को बलूच विद्रोहियों ही नहीं, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से भी निपटना चुनौती बना हुआ है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ आक्रामक अभियान की घोषणा की है.
BLA attacks pakistan army bus

बीएलए ने पाकिस्तान सेना की बस उड़ाई

Baloch Liberation Army: बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना के खिलाफ अभियान और तेज हो गया है. पिछले हफ्ते (11 मार्च) ही बलूच लिबरेशन आर्मी ने जफर एक्सप्रेस को अगवा कर लिया था और सभी 214 बंधकों को मारने का दावा किया था. वहीं रविवार को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान की सेना पर एक और बड़ा अटैक किया है. ताफ्तान जा रहे सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला करते हुए बलूच विद्रोहियों ने 90 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया है.

ये अटैक कितना खतरनाक और सुनियोजित था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 8 बसों के काफिले के बीच विस्फोटक से भरा वाहन घुसा दिया, जिसमें एक बस के परखच्चे उड़ गए. विस्फोट के बाद दूर-दूर तक लाशें बिखरी नजर आ रही थीं. हालांकि, बीएलए के दावे के उलट पाक सेना ने 7 सैनिकों के मारे जाने और 21 के घायल होने की पुष्टि की है.

नोशकी में हुए इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी बीएलए ने एक बयान जारी करके ली है. बयान में कहा गया है कि द मजीद ब्रिगेड ने आरसीडी हाईवे पर आत्मघाती हमला किया, जिसमें सेना की 8 बसें थीं और एक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. हमले के तुरंत बाद बीएलए की फतेह स्क्वाड ने दूसरी बस को पूरी तरह से घेर लिया और उसमें सवार सेना के सभी सैनिकों को मार गिराया. बीएलए का दावा है कि हमले में मारे जाने वालों की 90 हो गई है.

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बीएलए ने ट्रेन को किया था हाईजैक

इसके पहले, पाकिस्तान के हिंसाग्रस्त बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी ने बोलन दर्रे के पास जफर एक्सप्रेस ट्रेन को अगवा कर लिया था. बलूच लिबरेशन आर्मी ने ट्रेन को अगवा करने के कुछ समय बाद महिलाओं-बुजुर्गों और बच्चों को रिहा कर दिया था लेकिन पाकिस्तान सैनिकों और आईएसआई के अधिकारियों को बंधक बना लिया था. साथ ही पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि अगर पाक की जेलों में बंद बलूच नेताओं और राजनीतिक कैदियों को रिहा नहीं किया गया तो सभी 214 बंधकों को मार दिया जाएगा.

अल्टीमेटम की अवधि गुजरने के बाद बीएलए ने दावा किया कि सभी बंधकों को मार दिया गया. दूसरी तरफ, पाकिस्तानी सेना का कहना था कि उन्होंने बंधकों को छुड़ा लिया था और 27 बलूच लड़ाकों को भी मार गिराया था. बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तान के इस दावे को खारिज किया था. वहीं विद्रोहियों की कैद से आजाद हुए लोगों का भी कहना था कि ट्रेन में लाशें ही लाशें नजर आ रही थीं. लेकिन पाकिस्तान सरकार इस पर मौन है और जाहिरतौर पर बड़ी संख्या में सैनिकों के मारे जाने की खबर को दबाने की कोशिश में जुटी है.

टीटीपी से निपटना भी पाक के लिए बना चुनौती

पाकिस्तान के लिए बलूच विद्रोहियों ही नहीं, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से भी निपटना चुनौती बना हुआ है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ आक्रामक अभियान की घोषणा की है और इस अभियान का नाम ‘अल-खंदाक’ रखा है. 4 मार्च को पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में बन्नू में दो विस्फोटक लदे वाहनों ने सैन्य छावनी की चारदीवारी में टक्कर मार दी थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी भी टीटीपी ने ली थी. वहीं सेना के जवानों ने 6 आतंकवादियों को मार गिराया था.

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