CAA Implemented: पश्चिम बंगाल और केरल में लागू नहीं होगा सीएए? जानें नए कानून पर ममता और पिनराई विजयन का क्या है रूख
CAA Implemented: केंद्र सरकार के ओर से नागरिकता संसोधन कानून यानी सीएए को लागू करने के लिए सोमवार की शाम को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. अब सीएए का नोटिफिकेशन जारी होने के यह कानून देशभर में लागू हो गया है. इसके नोटिफिकेशन जारी होने की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर दी है. हालांकि ये नागरिक संशोधन बिल दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों से पारित कर दिया गया था.
लेकिन सीएए का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद लगभग हर विपक्षी पार्टी ने इसका विरोध किया है. खास तौर पर पश्चिम बंगाल और केरल में इसका जोरदार विरोध हो रहा है. सीएम ममता बनर्जी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘ सीएए और NRC पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्व के लिए एक बेहद ही संवेदनशील मसला है. वह हीं चाहती हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में अशांति फैल जाए.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं ये साफ कर दूं कि लोगों के बीच भेदभाव करने वाले किसी भी फ़ैसले का विरोध किया जाएगा. हम इसके नियन देख रहे हैं नियम देखने के बाद ही हम कुछ कहेंगे.’ जबकि केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा, ‘हमारी सरकार कई मौकों पर यह बात को दोहरा चुकी है कि हम राज्य में सीएए लागू नहीं होने देंगे. यह मुस्लिमों को देश में दोयम दर्जे का नागरिक मानता है. इस कानून के विरोध में पूरा केरल एक साथ खड़ा रहेगा.’
कब हुआ था पारित
दरअसल, भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए सीएए 2019 में संसद में पारित कराया गया था. 11 दिसंबर 2019 के संसद से पास होने के बाद 12 दिसंबर 2019 को इस राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी. हालांकि सीएए के प्रावधानों के अनुसार यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में लागू नहीं किया जाएगा. इनर लाइन परिमट और छठी अनुसूचि वाले पूर्वोत्तर राज्यों में इसे लागू नहीं किया जाएगा.
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बता दें कि 1955 के जिस नागरिकता कानून में इस संसोधन के जरिए बदलाव किया गया है उसके अनुसार भारत की नागरिकता के लिए कम से कम 11 सालों तक देश में रहना जरूरी है. लेकिन अब इस संसोधन के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए 11 सालों की अवधी को घटाकर छह साल कर दिया गया है.