आर्टिकल 370 को लेकर कांग्रेस के वादों और मेनिफेस्टो में अंतर! क्या कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर पर बदल दिया अपना स्टैंड

कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया. इस घोषण पत्र में कांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
Rahul Gandhi

राहुल गांधी ( फोटो- सोशल मीडिया)

Congress Manifesto: साल 2019 में जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाया गया तो कांग्रेस ने इसका संसद में जमकर विरोध किया था. हालांकि, कुछ सालों में उसी कांग्रेस का रुख एकदम बदला हुआ नजर आया है. अब कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में सिर्फ और सिर्फ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही है न की 370 की बहाली की बात की है.

पिछले साल जब सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के केंद्र के फैसले को सही ठहराया तो कांग्रेस ने इसकी बहाली को लेकर कोई बात नहीं की. वह जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और जल्द विधानसभा चुनाव कराए जाने की मांग करती नजर आई. पिछले कुछ सालों में उसका यही रुख नजर आया है. जब-जब कांग्रेस नेताओं से से जम्मू-कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर सवाल किया गया तो उनका रुख साफ नहीं था. अब जब कांग्रेस के मेनिफेस्टो में किए गए वादों को देखें तो साफ पता चल रहा है कि कांग्रेस ने कहीं न कहीं आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले को स्वीकार कर लिया है.

जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करेंगे-कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया. इस घोषण पत्र में कांग्रेस ने कहा कि उनकी सरकार आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ने कहा, ‘हमारी सरकार अगर बनती है तो हम जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल करेंगे. उन्होंने कहा, “हम लद्दाख के जनजातीय क्षेत्रों को शामिल करने के लिए संविधान की छठी अनुसूची में संशोधन करेंगे. पाकिस्तान के साथ जुड़ाव मूल रूप से सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने की उसकी इच्छा और क्षमता पर निर्भर करता है.”

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370 के सवाल से कई बार बचते दिखे कांग्रेस नेता

बता दें कि आर्टिकल 370 के सवालों पर अब कांग्रेस नेता बचते दिखते हैं. जब-जब पार्टी के सीनियर नेताओं से इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया. जिस तरह कांग्रेसी नेता पहले इसकी वकालत करते थे. अब नहीं करते. याद करिए जब राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का 29 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में समापन किया. तब भी उनसे इसे लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने 370 की बहाली पर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई और जब उनसे कहा गया कि CWC का इसे लेकर रुख स्पष्ट नहीं है तो राहुल गांधी ने कहा, ‘आर्टिकल 370 पर मेरी और कार्य समिति की स्थिति बहुत स्पष्ट है. मैं दस्तावेज सौंप दूंगा…आप इसे पढ़ सकते हो. हमारी स्थिति यही है. हम चाहते हैं कि कश्मीर में पहले की स्थिति बहाल हो.

इसके बाद जब कांग्रेस की रायपुर में समीक्षा बैठक हुई थी, तो उसमें भी आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई. उस वक्त पार्टी ने कहा था कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के संरक्षण में लाने का प्रयास करेगी, लेकिन इसमें 370 का कोई जिक्र नहीं था.

 

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