MUDA केस में बुरे फंसे सिद्धारमैया! मुख्यमंत्री के खिलाफ ED ने दर्ज किया मामला

Siddaramaiah: कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दी थी.
Karnataka CM Siddaramaiah

सिद्धारमैया, मुख्यमंत्री, कर्नाटक

ED Case Against Siddaramaiah: प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हाल ही में राज्य लोकायुक्त की एफआईआर का संज्ञान लेते हुए ईडी ने मुख्यमंत्री और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की है.

मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज एफआईआर में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बी एम पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं. पिछले हफ्ते बेंगलुरु की एक विशेष अदालत द्वारा इस मामले में सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच का आदेश दिए जाने के बाद एफआईआर दर्ज की गई.

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राज्यपाल ने दी थी केस चलाने की इजाजत

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)2023 की धारा 218 के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दी थी. इसके बाद सीएम की तरफ से राज्यपाल के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को बरकरार रखते हुए सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी थी.

ईडी ने सिद्धारमैया के खिलाफ ईसीआईआर में मामला दर्ज करने के लिए धन मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं को लागू किया है, जो पुलिस एफआईआर के बराबर है. प्रक्रिया के अनुसार, ईडी को जांच के दौरान आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाने और यहां तक ​​कि उनकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार है.

सिद्धारमैया ने इसे राजनीतिक मामला बताया

76 वर्षीय सिद्धारमैया ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्हें MUDA मुद्दे में निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विपक्ष उनसे “डरा हुआ” है और उन्होंने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला ऐसा “राजनीतिक मामला” है. उन्होंने यह भी दोहराया कि मामले में उनके खिलाफ जांच के लिए अदालत के आदेश के बाद वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.

क्या है MUDA स्कैम है?

जब सरकार किसी जमीन का अधिग्रहण करती है तो मुआवजे के तौर पर दूसरी जगह जमीन देती है. पूरा कथित MUDA स्कैम भी इसी से जुड़ा है. ये पूरा मामला सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मुआवजे के रूप में मिली 14 प्रीमियम साइट से जुड़ा है. ये प्लॉट मैसूर में हैं.आरोप है कि सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती ने MUDA से गैरकानूनी तरीके से जमीन ली. दावा है कि इसमें 4 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.

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