Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले EC ने जब्त किए रिकॉर्ड ₹4,650 करोड़, पीछे छूटे 2019 के आंकड़े
Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद से ही देशभर में चुनावी माहौल तैयार हो चुका है. राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने चुनावी अभियान को तेज कर दिया है. अपनी जीत सुनिश्चित करने को लेकर प्रत्याशी युद्ध स्तर पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. वहीं चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन न हो इसको लेकर निर्वाचन आयोग भी सख्त नजर आ रहा है. चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन-बल का प्रयोग न उसको लेकर भी इलेक्शन कमीशन सतर्क नजर आ रहा है.
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया है कि लोकसभा चुनाव के अब तक के इतिहास में प्रलोभन की अब तक की सबसे बड़ी रकम दर्ज करने की राह पर है. पहले चरण का मतदान शुरू होने से पहले ही प्रवर्तन एजेंसियों ने कुल 4 हजार 6 सौ 50 करोड़ की रिकॉर्ड जब्ती कर ली थी, जो कि 2019 में पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान जब्त की गई 3 हजार 475 करोड़ की तुलना में एक बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है.
राजस्थान में हुई सबसे ज्यादा बरामदगी
इस बारे में जानकारी देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, बढ़ी हुई बरामदगी विशेष रूप से छोटे और कम संसाधन वाले दलों के पक्ष में समान अवसर के लिए प्रलोभनों पर नजर रखने और चुनावी कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए चुनाव आयोग की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है. महत्वपूर्ण बात यह है कि 45 फीसदी बरामदगी ड्रग्स और नशीले पदार्थों की है, जिन पर चुनाव आयोग का विशेष ध्यान है. आयोग ने अलग-अलग राज्यों पर डेटा भी जारी किया, जिसमें जब्त किए गए प्रलोभनों के वितरण का विवरण दिया गया. बरामदगी के मामले में पहले स्थान पर राजस्था है जहां से लगभग ₹778 करोड़ की ज़ब्ती हुई है. इसके बाद दूसरे स्थान पर गुजरात है जहां से कुल 605 करोड़ रुपये के साथ गुजरात और लगभग ₹431 करोड़ के साथ तीसरे नंबर पर है महाराष्ट्र है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा?
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने पिछले महीने चुनावों की घोषणा करते हुए “पैसा, बाहुबल, फेक न्यूज और आदर्श आचार संहिता उल्लंघन” सहित ‘4M’ चुनौतियों में से एक के रूप में “मनी पावर” पर जोर दिया था. आयोग के सोमवार के बयान में कहा गया है, “राजनीतिक वित्तपोषण के अलावा काले धन का उपयोग और उसका सटीक खुलासा, विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों में अधिक साधन संपन्न पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में समान अवसर को बिगाड़ सकता है. ” चुनाव आयोग के अनुसार, यह जब्ती लोकसभा चुनाव को प्रलोभन और चुनावी कदाचार से मुक्त कराने और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के ईसीआई के दृढ़ संकल्प का एक महत्वपूर्ण पहलू है.