Farmers Protest: किसानों का ‘दिल्ली चलो मार्च’ 29 फरवरी तक के लिए स्थगित, SKM ने बताई आगे की रणनीति

Farmers Protest: किसान नेता पंढेर ने बताया कि 26 फरवरी को डब्ल्यूटीओ की एक बैठक है.
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किसानों का 'दिल्ली चलो मार्च' 29 फरवरी तक के लिए स्थगित

Farmers Protest: बीते 13 फरवरी से अपनी कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने के लिए किसानों का आंदोलन जारी है, वहीं शुक्रवार, 23 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार का विरोध करते हुए आज काला दिवस भी मनाया. इस बीच किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. किसान के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा फैसला लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 फरवरी तक ‘दिल्ली चलो’ मार्च स्थगित करने का बड़ा फैसला किया है. किसान संगठन के नेता सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब-हरियाणा के बीच खानेरी सीमा पर मीडिया से बातचीत में यह बात बताई.

कल कैंडल मार्च निकालेंगे किसान

शुक्रवार, 23 फरवरी को किसान संगठन के नेता सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब-हरियाणा के बीच खानेरी सीमा पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 9 फरवरी तक ‘दिल्ली चलो’ मार्च स्थगित किया जा रहा है. इसी के साथ आगे की रणनीति पर जानकारी देते हुए कहा कि इस पर 29 फरवरी को फैसला होगा. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हम सब लोग दुखी हैं, हमने अपने युवा किसान साथी शुभकरण सिंह को खो दिया है. इसलिए हमने फैसला लिया है कि 24 फरवरी यानी कल हम कैंडल मार्च निकालेंगे.’

किसान जलाएंगे सरकार का पुतला

संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता पंढेर ने आगे की जानकारी देते हुए बताया कि 26 फरवरी को डब्ल्यूटीओ की एक बैठक है. इससे पहले 25 फरवरी को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर दोनों जगहों किसान सेमिनार का आयोजन करेंगे. उन्होंने कहा कि सेमिनार में डब्ल्यूटीओ किसानों को कैसे प्रभावित कर रहा है, इस पर लोगों को जानकारी देंगे. उन्होंने आगे कहा कि विरोध में हम डब्ल्यूटीओ का पुतला भी जलाएंगे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डब्ल्यूटीओ ही नहीं वह कॉरपोरेट और सरकार का भी पुतला जलाएंगे.

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27 फरवरी को किसान यूनियन की बैठक

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से किसान नेता सरबन सिंह पंढेर ने मीडिया से आगे कहा, ‘हरियाणा पुलिस की बर्बरतापूर्ण हरकत से हरियाणा में आपात स्थिति पैदा हो गई है. इसके लिए कल शाम हम दोनों सीमाओं पर कैंडल मार्च निकालेंगे. डब्ल्यूटीओ किसानों के लिए कितना बुरा है, इसके लिए चर्चा करने के लिए हम कृषि क्षेत्र से बुद्धिजीवियों को बुलाएंगे. इसके बाद 27 फरवरी को हम किसान यूनियनों की बैठक करेंगे. 29 फरवरी को हम आंदोलन के लिए किसानों के अगले कदम की घोषणा करेंगे.’

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