Farmers Protest: 5 घंटे बाद एक्सप्रेस-वे से हटे किसान, कमिश्नर के आश्वासन पर बोले- कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बनाएंगे रणनीति

Farmers protest: किसानों की प्राधिकरण के अफसरों से हाइलेवल की वार्ता कराई जाएगी.
Farmers protest

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर से हटे किसान

Farmers protest: गुरुवार, 8 फरवरी को उत्तर प्रदेश के नोएडा में धरने पर बैठे किसान 5 घंटे बाद एक्सप्रेस-वे से हट गए हैं. प्रशासन की ओर से हाइलेवल कमेटी के गठन करने के आश्वन पर एक्सप्रेस से किसानों ने अपना धरना खत्म किया. मिली जानकारी के अनुसार किसानों की मांग को लेकर कमेटी के पदाधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि आने वाले 8 दिनों में मामले का पूरा निस्तारण हो जाएगा.

कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बनाएंगे रणनीति

वहीं किसानों ने कहा है कि कमेटी की रिपोर्ट आ जाने के बाद आगे की रणनीति पर काम करेंगे. बताते चलें कि गुरुवार की रात आठ बजे किसानों की कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के साथ मीटिंग तय है. इस पूरे मामले पर भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि हम रोड खाली कर अपने-अपने धरने की जगहों पर पहुंच रहे हैं. हम प्रशासन की ओर से दिए गए झुठे आश्वासन के साथ नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो दिल्ली ज्यादा दूर नहीं है.

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पिछले साल दिसंबर से जारी है प्रदर्शन

बताते चलें कि कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के आश्वासन पर ही किसानों ने प्रदर्शन समाप्त किया है. कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया है कि एक सप्ताह में किसानों की प्राधिकरण के अफसरों से हाइलेवल की वार्ता कराई जाएगी. वहीं कहा जा रहा है कि इस वार्ता में राज्य सरकार के मंत्री भी शामिल हो सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से अधिग्रहीत जमीनों के बदले बढ़ा हुए मुआवजे और भूखंड देने की मांग पर पिछले साल दिसंबर से ही किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर लगा था जाम

किसान संगठनों ने बीते 7 फरवरी को किसान महापंचायत बुलाई थी. वहीं गुरुवार, 8 फरवरी को दिल्ली कूच कर रहे किसानों को नोएडा बॉर्डर पर दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक दिया था. जिससे दिल्ली की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर भारी जाम लग गया था. किसानों के कूच को लेकर पुलिस ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे और कई रूट्स को पहले ही डायवर्ट कर दिया था. दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर प्रशासन की ओर से क्रेन, बुलडोजर, वज्र वाहन और ड्रोन कैमरों से निगरानी भी की जा रही थी.

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