Manmohan Singh Memorial: मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए केंद्र ने परिवार को सुझाई जगह, राजघाट के आसपास अफसरों ने किया मुआयना

Manmohan Singh Memorial: केंद्र की शहरी कार्य मंत्रालय ने स्मारक को लेकर काम शुरू कर दिया है. स्मारक के निर्माण की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है. इसके तहत मनमोहन सिंह के परिवार को स्थल के चयन के लिए तीन विकल्प सुझाए गए हैं.
Manmohan Singh Memorial

पूर्व पीएम का स्मारक गांधी-नेहरू परिवार की समाधियों के नजदीक ही बनाई जा सकती है

Manmohan Singh Memorial: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर चल रहे विवादों के बीच केंद्र ने परिवार को को जगह सुझाईं हैं. केंद्र की शहरी कार्य मंत्रालय ने स्मारक को लेकर काम शुरू कर दिया है. स्मारक के निर्माण की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है. इसके तहत मनमोहन सिंह के परिवार को स्थल के चयन के लिए तीन विकल्प सुझाए गए हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय स्मृति स्थल राजघाट, किसान घाट व समता स्थल के तीन विकल्प दिवंगत पूर्व पीएम के परिवार को दिए गए हैं. और उनसे इनमें से एक का चयन करने को कहा गया है. यह प्रस्ताव शहरी कार्य मंत्रालय को मिली इस सूचना के बाद दिया गया है. मनमोहन सिंह की स्मृतियों को स्मारक के रूप में संजोने के लिए ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

डेढ़ एकड़ जमीन पर होगा निर्माण कार्य

स्मारक के लिए ट्रस्ट के आवेदन पर डेढ़ एकड़ जमीन आवंटित की जाएगी. मनमोहन सिंह की स्मृति में बनाए जाने वाले ट्रस्ट में कौन शामिल होगा, इसका निर्णय परिवार के सदस्य ही करेंगे. मनमोहन सिंह के परिवार को स्थल के चयन के लिए तीन विकल्प सुझाए गए. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, इसमें पार्टी के कुछ सदस्य भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन यह निर्णय पूरी तरह मनमोहन सिंह की पत्नी गुरुशरण सिंह और उनकी बेटियों द्वारा लिया जाएगा.

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कांग्रेस ने लगाया था अपमान का आरोप

पिछले साल 26 दिसंबर को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन हुआ था. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर 28 दिसंबर को किया गया था. पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार राजघाट या समता स्थल पर नहीं कराए जाने को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सिख प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया था. जबकि सरकार ने कांग्रेस पर मनमोहन सिंह के नाम पर संकीर्ण राजनीति करने का आरोप लगाते हुए यह स्पष्ट कर दिया था कि स्मारक का निर्माण ट्रस्ट के गठन की अनिवार्य औपचारिकता के बाद ही होगा.

छह महीने में बनकर तैयार हो जाएगा स्मारक

माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहा तो मनमोहन सिंह का स्मारक छह महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. स्मारक का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाएगा, लेकिन इसका खर्च ट्रस्ट को उठाना होगा. ट्रस्ट ही उसके रखरखाव का खर्च भी उठाएगा. वहीं, स्मारक ट्रस्ट के नाम पर होगा, लेकिन जमीन का स्वामित्व शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन आने वाले भूमि एवं विकास विभाग के पास रहेगा. सीपीडब्ल्यूडी निर्माण की प्रक्रिया और उसमें आने वाली लागत आदि का प्रस्ताव इस विभाग के साथ ही ट्रस्ट के साथ साझा करेगा.

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