GST काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले, जानें क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा

एक और अहम फैसला जो इस बैठक में लिया गया था, वह था इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दर को लेकर. हालांकि, जीएसटी काउंसिल इस मुद्दे पर किसी निर्णायक फैसले तक नहीं पहुंच सकी और इसे टाल दिया गया.
GST Council Meeting

प्रतीकात्मक तस्वीरें

GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 21 दिसंबर 2024 को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. इन फैसलों से विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में बदलाव किया गया है. आइए इन फैसलों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (AAC) ब्लॉक्स पर जीएसटी में कटौती

जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया कि 50% से अधिक फ्लाई ऐश वाले ऑटोक्लेव्ड एरेटेड कंक्रीट (AAC) ब्लॉक्स पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 12% कर दिया जाएगा. इससे निर्माण सामग्री की लागत में कमी आएगी. AAC ब्लॉक्स का इस्तेमाल सामान्यत: भवन निर्माण में किया जाता है, और इस निर्णय से निर्माण उद्योग को राहत मिल सकती है. पहले, इन पर 18% की जीएसटी लगती थी, लेकिन अब ये सस्ते होंगे, जिससे निर्माण की लागत में कमी आएगी और यह उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है.

इस्तेमाल की गई कारों पर जीएसटी दर में वृद्धि

जीएसटी काउंसिल ने इस्तेमाल की गई कारों पर जीएसटी दर को बढ़ाकर 18% कर दिया है, जो पहले 12% था. इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों का भी समावेश है. यह फैसला उन लोगों को प्रभावित करेगा, जो पुरानी कारों को खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं. अब इनकारों की कीमतें थोड़ी बढ़ सकती हैं, क्योंकि जीएसटी में वृद्धि से कारों की कुल लागत में बढ़ोतरी हो सकती है.

फोर्टिफाइड चावल पर एक समान जीएसटी दर

जीएसटी काउंसिल ने फोर्टिफाइड चावल के दानों पर एक समान 5% की जीएसटी दर लागू करने का फैसला लिया है. पहले इस पर अलग-अलग टैक्स दरें लागू होती थीं, जिससे टैक्स प्रणाली जटिल हो जाती थी. अब, इस बदलाव के बाद पूरे देश में फोर्टिफाइड चावल पर समान दर लागू होगी, चाहे इसका उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जाए, जैसे कि खाद्य सहायता या सामान्य खपत. इस निर्णय से टैक्स प्रणाली में सरलता आएगी और उपभोक्ताओं के लिए चावल की कीमतों में स्थिरता आ सकती है.

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रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर जीएसटी

पॉपकॉर्न की जीएसटी दर पर भी बदलाव किया गया है. अब यदि पॉपकॉर्न बिना पैकेजिंग के नमकीन या मसालेदार तरीके से बेचे जाते हैं, तो उन पर 5% जीएसटी लगेगा. लेकिन, यदि पॉपकॉर्न को पहले से पैक कर दिया जाता है और उस पर लेबल होता है, तो उन पर 12% जीएसटी लगेगा. कैरेमल पॉपकॉर्न जैसी मीठी किस्मों पर जीएसटी दर 18% लागू होगी, क्योंकि उन्हें कन्फेक्शनरी (मिठाई) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इस फैसले से पॉपकॉर्न की कीमतों में भी थोड़ा बदलाव हो सकता है, खासकर जब यह पैकेजिंग के साथ बेचे जाते हैं.

इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर फैसला टला

एक और अहम फैसला जो इस बैठक में लिया गया था, वह था इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दर को लेकर. हालांकि, जीएसटी काउंसिल इस मुद्दे पर किसी निर्णायक फैसले तक नहीं पहुंच सकी और इसे टाल दिया गया. मंत्रियों के एक समूह के बीच इस पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके कारण इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी के मुद्दे पर कोई तत्काल निर्णय नहीं लिया गया. यह निर्णय आने वाले समय में लिया जाएगा, और यह निर्णय इंश्‍योरेंस पॉलिसी धारकों को प्रभावित कर सकता है. आने वाले समय में इन फैसलों का व्यापक असर देखने को मिलेगा और लोगों की खरीदारी की आदतों में बदलाव हो सकता है.

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