गुजरातः RE-NEET के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र, बोले- हमने कड़ी मेहनत और लगन से हासिल किए हैं नंबर

एक अभ्यर्थी ने कहा, "मैंने नीट यूजी परीक्षा में 682 अंक प्राप्त किए हैं. दोबारा परीक्षा नहीं करानी चाहिए, क्योंकि हमने कड़ी मेहनत और लगन से ये अंक प्राप्त किए हैं. जिन विद्यार्थियों को 600 से कम अंक प्राप्त हुए हैं, वे दोबारा नीट की मांग कर रहे हैं."

RE-NEET के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र

NEET Controversy: नीट यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स मिले 1563 छात्रों का रविवार को री एग्जाम है. शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी सेंटर्स पर मौजूद रहेंगे. इस बीच छात्रों का एक धड़ा नीट यूजी परीक्षा को दोबारा कराने की मांग कर रहा है. वहीं, दूसरा गुट पुनः परीक्षा की मांग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है.

जानकारी के मुताबिक, गुजरात के राजकोट में छात्रों ने नीट यूजी की पुनः परीक्षा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. पलक नाम की एक अभ्यर्थी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “मैंने नीट यूजी परीक्षा में 682 नंबर हासिल किए हैं. दोबारा परीक्षा नहीं करानी चाहिए, क्योंकि हमने कड़ी मेहनत और लगन से ये नंबर प्राप्त किए हैं. जिन छात्रों के 600 से कम नंबर आए हैं, वे दोबारा नीट की मांग कर रहे हैं.”

बता दें कि नीट यूजी परीक्षा में ग्रेस मार्क्स मिले 1563 छात्रों का आज री एग्जाम है. छह सेंटरों पर परीक्षा होगी. एक अधिकारी ने बताया कि सेंटर पर दोपहर के 1.30 बजे तक अभ्यर्थियों की एंट्री होगी और परीक्षा दोपहर दो बजे से शुरू हो जाएगी. इसका परिणाम 30 जून को आएगा.

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जानें पूरा विवाद

नीट यूजी रिजल्ट आने के बाद मेडिकल स्टूडेंट्स सड़कों पर उतर गए हैं. दरअसल, इतिहास में पहली बार 67 अभ्यर्थियों को फुल मार्क्स मिले थे. साथ ही एक एग्जाम सेंटर से कई टॉपर निकले थे. इसके बाद छात्रों ने धांधली का आरोप लगाते हुए कई सवाल उठाए. जैसे, इस बार ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 अभ्यर्थी रहे. पहली रैंक पर इतनी बड़ी संख्या में छात्र कैसे आ गए? 720 में से 718, 719 नंबर कैसे दिए गए? क्योंकि अगर छात्र सारे सवाल सही करता तो 720 नंबर मिलते. वहीं, एक भी गलत होता तो माइनस मार्किंग के कारण अधिकतम 715 नंबर मिलते और एक सवाल छोड़ देता तो 716 अंक मिलते.

उधर, एनटीए ने अनियमितता के आरोप को नकारते हुए पहले कहा था कि एग्जाम सेंटर में समय जाया होने के लिए दिए गए ग्रेस नंबर अधिक अंक आने का कारण है. हालांकि बाद में एनटीए ने उन अभ्यर्थियों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. इन सभी छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प मिला था, लेकिन ये अनिवार्य नहीं था. जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते, उन्हें बिना ग्रेस मार्क्स के उनके ओरिजनल मार्क्स देने का ऐलान किया गया था. इन सब के बीच अब बिहार में नीट पेपर लीक होने का खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही है.

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