Haryana Election 2024: नए चेहरे को मौका, जातीय समीकरण पर भी नजर, विधानसभा चुनाव के लिए क्या है BJP की प्लानिंग?
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों अहम दल यहां सीधे तौर पर चुनावी लड़ाई में होते हैं. इस बार सत्ता में काबिज बीजेपी के लिए लड़ाई बहुत आसान नहीं दिखाई दे रही है, ऐसे में सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी मौजूदा मंत्रियों, विधायकों की जगह नए चेहरों को मौका दे सकती है. 2014 के चुनाव में एक तरफा जीत के साथ सत्ता में काबिज होने वाली बीजेपी 2019 में गठबंधन के सहारे सत्ता में आई थी, ऐसे में इस बार सत्ता विरोधी लहर की संभावना के बीच सरकार को बचाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
बीजेपी ने हरियाणा के लिए धर्मेन्द्र प्रधान और सतीश पुनिया को प्रभारी बनाया है. दोनों ही नेता लगातार प्रदेश के नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं. बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी या गठबंधन के साथ जाएगी? उम्मीदवार कौन होंगे? किन मुद्दों पर चुनाव में उतरना है? ऐसे और भी कई सवाल हैं, जिनपर बीजेपी मंथन कर रही है.
बीजेपी के लिए उम्मीदवारी सबसे बड़ा सवाल
लेकिन, हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सबसे अहम सवाल उम्मीदवारी से जुड़ा है. पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद अब किसी भी तरह विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन नहीं करना चाहती है, इसलिए ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने का प्रयास है जो जीत दिला सकें. किसान आंदोलन के विरोध को सामने रखते हुए बीजेपी इस बार टिकट बंटवारे में सामाजिक समीकरणों को साधने का खासतौर पर ख्याल रखने वाली है.
जाट समुदाय को साधने की तैयारी
जाट वर्ग के समर्थन के बिना बीजेपी को खासा नुकसान हो सकता है, ऐसे में राजस्थान के बड़े जाट नेता सतीश पुनिया को प्रभारी बनाकर प्रदेश में भेजा गया है. ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी जातिगत समीकरण ध्यान में रखते हुए हर सीट पर तीन नाम चुनेगी और उन्हें केंद्र के पास भेजा जाएगा, केंद्र यह तय करेगा कि किसे उम्मीदवार बनाया जा सकता है.