Haryana: कांग्रेस के साथ गठबंधन, या अकेले चुनाव लड़ेगी AAP? सोमनाथ भारती बोले- दिल्ली में हमें नहीं मिला था समर्थन
Haryana Election 2024: हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल तैयार हो चुका है. बीजेपी द्वारा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद आखिरकार कांग्रेस ने भी 32 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को ऐलान कर दिया है. वहीं, हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है. हालांकि, अभी अधिकारिक तौर कुछ सामने नहीं आया है.
इस बीच दिल्ली में AAP के बड़े सोमनाथ भारती ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के साथ जिस गठबंधन की बात हो रही, AAP को उसका मूल्यांकन करना चाहिए क्योंकि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में ऐसा ही गठबंधन किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि AAP को हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.
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“कांग्रेस ने नहीं मिला समर्थन”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए सोमनाथ भारती ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस संग किसी भी गठबंधन से पहले AAP को दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए हुए ऐसे ही समझौते का मूल्यांकन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक ओर दिल्ली में उनके नेता अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी के तीनों प्रत्याशियों के लिए रोड शो किया और AAP के सीनियर नेताओं, दिल्ली सरकार के सीनियर मंत्रियों ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए वोट मांगी. वहीं दूसरी ओर आप प्रत्याशियों को दिल्ली कांग्रेस और लोकल नेताओं से समर्थन नहीं मिला.
Before AAP-Congress alliance is inked in Haryana, @AamAadmiParty must evaluate the effectiveness of similar alliance formed in Delhi during Loksabha Election.
While my national Convenor @ArvindKejriwal ji did roadshows for all the three Congress Candidates, senior leaders and…
— Adv. Somnath Bharti: इंसानियत से बड़ा कुछ नहीं! (@attorneybharti) September 7, 2024
“अजय माकन ने मिलने से इनकार कर दिया”
आम आदमी पार्टी नेता ने आगे कहा कि दिल्ली कांग्रेस चीफ सरदार अरविंदर सिंह लवली सहित कई कांग्रेस नेताओं ने बीच चुनाव में पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया. सोमनाथ भारती ने आगे कहा कि अजय माकन जैसे सीनियर कांग्रेस नेताओं ने मिलने से इनकार कर दिया और मालवीय नगर में जितेंद्र कोच्चर जैसे नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ प्रचार किया और पैसे के लिए बीजेपी नेताओं के लिए वोट मांगे. हमारे संसदीय क्षेत्रों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या फिर मल्लिकार्जुन खड़गे का कोई भी कार्यक्रम नहीं हुआ ताकि कांग्रेस के वोट हमारे पक्ष में एकजुट किए जा सकें.