Himachal Political Crisis: BJP की कार्यशैली की मुरीद हुईं कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, कहा- ‘उनकी कार्यप्रणाली हमसे बेहतर’

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में जारी सियासी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. बीजेपी राज्य के सियासी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह के ताजा बयान ने सियासी बवाल को हवा दे दी है. उन्होंने अपने बयान में बीजेपी की […]
Pratibha Singh

कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (ANi)

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में जारी सियासी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. बीजेपी राज्य के सियासी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह के ताजा बयान ने सियासी बवाल को हवा दे दी है. उन्होंने अपने बयान में बीजेपी की कार्यशैली की तारीफ कर दी है.

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा, “कांग्रेस में हमें अभी बहुत कुछ करना बाकी है. सांसद के तौर पर मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा बार-बार किया और लोगों की समस्याओं को जानने की कोशिश की है. यह सच है कि भाजपा की कार्यप्रणाली हमसे बेहतर है.”

‘क्या भाजपा उन्हें मंडी से चुनाव लड़ाना चाहती है’ इस सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा, “हमने ऐसा कभी नहीं सोचा, हम भाजपा के संपर्क में भी नहीं हैं. भगवान जानें, आगे क्या स्थिति बनती है. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किसे टिकट देना चाहती है, इसपर भी अब विचार होगा. उनके आदेश के मुताबिक हम क्या कदम उठाएंगे. उसपर हम आगे बढ़ेंगे.”

विक्रमादित्य के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया

सांसद प्रतिभा सिंह ने इससे पहले विक्रमादित्य के इस्तीफे पर कहा था, “जबसे सरकार बनी है यह ठीक नहीं चल रही है. इस बात की जानकारी हमने अपने हाईकमान को दी और हमने चाहते थे कि इसका कोई समाधान निकाला जाता. एक साल से ज़्यादा हो चुका है, कोई निर्णय नहीं लिया जिस कारण से आज यह हाल हुआ है. विक्रमादित्य का इस्तीफा पार्टी से नहीं बल्कि कैबिनेट से दिया गया, मुख्यमंत्री इस्तीफा स्वीकार नहीं किया.”

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6 कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने पर उन्होंने कहा था कि जब आपको (सुखविंदर सिंह सुक्खू) एक साल से ज्यादा समय हो गया है, फिर भी आप उनके मसलों का संज्ञान नहीं ले रहे, उनकी बात नहीं सुन रहे तो उनका नाराज होना जायज है. अगर वे उन्हें बैठाकर बात करते तो आज यह स्थिति नहीं होती.

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