‘मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं, लेकिन हर बार…’, सीएम पद को लेकर क्या बोले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की डिप्टी सीएम अजित पवार बुधवार एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां उन्होंने बेबाकी से कई सवालों का जवाब दिया. 5 बार के डिप्टी सीएम ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन उनकी गाड़ी उप मुख्यमंत्री तक ही आकर अटक जा रही है तो क्या करे. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि वह महायुति का ही हिस्सा हैं और आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बीजेपी व शिंदे गुट के साथ गठबंधन में ही लड़ेंगे.
कार्यक्रम के दौरान अजित पवार ने कहा कि मैंने दिल्ली वालों के साथ चर्चा की थी. जेपी नड्डा, अमित शाह और नरेंद्र मोदी या फिर देंवेंद्र फडणवीस के साथ चर्चा हुई थी सरकार में जाने के लिए. बाकी किसी से कोई चर्चा नहीं हुई थी. बाकी लोग क्या कह रहे हैं, उससे मुझे कोई लेना देना नहीं है.
हमारा गठबंधन नहीं टूटेगा- अजित पवार
महायुति में रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर हम तीनों (बीजेपी, शिवेसना और अजित पवार की एनसीपी) बैठेंगे. कल भी हम अमित भाई (अमित शाह) के साथ बैठे थे. चर्चा हुई है. जल्द ही आपको पता चलेगा कि बीजेपी कितनी सीट पर लड़ना चाहती है, एकनाथ शिंदे जी कितने सीट पर लड़ना चाहते हैं और हम कितनी सीट पर लड़ना चाहते हैं. हमारा महायुति नहीं टूटेगा. महायुति में लड़ रहा हूं. महायुति की सरकार लाने की हमारी कोशिश है, जिम्मेदारी है और वो हम निभाएंगे.
शरद पवार को लेकर क्या बोले अजित पवार?
शरद पवार के खिलाफ जाने के बारे में उन्होंने कहा कि जो भी हुआ है, उसके बारे में हमने सोचना छोड़ दिया है. हम आगे का सोचेंगे. पीछे का नहीं सोचेंगे. हम भविष्य बताने वाले लोग नहीं है. हम काम करने वाले लोग हैं. हम काम करना चाहते हैं. महाराष्ट्र को आगे रखना चाहते हैं. अच्छी तरह से महाराष्ट्र के जो भी डेवलपमेंट का काम है, उसके लिए केंद्र का बजट लाने का काम करना चाहते हैं. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और महायुति की सीट बंटवारे के बाद जिन लोगों को विधायक बनना है, वो यहां से वहां जाएंगे.
‘मुख्यमंत्री बनना है लेकिन…’
नीतीश कुमार की तरह आपका भी रिकॉर्ड है उपमुख्यमंत्री रहने का. कभी लगता है मुख्यमंत्री बनना है? इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा, “बनना है. लेकिन हमारी गाड़ी वहीं अटकती है तो क्या करें. मैं कोशिश करता हूं कि आगे भी जाए, आगे भी जाए. लेकिन चांस नहीं मिलता. एक बार एनसीपी को चांस मिला था 2004 में. लेकिन पार्टी नेतृत्व ने इसे गंवा दिया. जो कोई भी कुर्सी पर बैठता है, उनको वो कुर्सी अच्छी लगती है. उसी हिसाब से कोशिश करना हर एक का काम है. लेकिन सीट एक ही महाराष्ट्र सीएम की. लेकिन जो 145 सीटों का आंकड़ा हासिल करेगा, वो सीएम बनेगा. मेरी महत्वाकांक्षा क्या है, मैं अभी नहीं बोलूंगा. हमारा लक्ष्य महायुति के रूप में फिर से सत्ता में आना है.