Puri Rath Yatra Stampede: भीड़ अधिक होने से जगन्‍नाथ रथ यात्रा में बड़ा हादसा, गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ से 3 श्रद्धालुओं की मौत

Puri Rath Yatra Stampede: श्री गुंडिचा मंदिर के पास सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
Puri Rath Yatra Stampede

पुरी के जगन्‍नाथ रथ यात्रा में भगदड़

Puri Rath Yatra Stampede: ओडिशा का पुरी में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान रविवार, 29 जून को एक बड़ा हादसा हुआ है. श्री गुंडिचा मंदिर के पास सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना तब हुई जब बड़ी संख्या में भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए मंदिर के सामने एकत्रित हुए थे. भगदड़ के कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई, जिससे यह हादसा हुआ.

घायलों की स्थिति

हादसे में 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं. जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायलों को तुरंत पुरी मेडिकल कॉलेज और अन्य नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया. शनिवार को भी रथ यात्रा के दौरान भीड़ और गर्मी के कारण करीब 750 श्रद्धालुओं को अस्पताल ले जाना पड़ा था, जिनमें से अधिकांश को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी. हालांकि, एक गंभीर रूप से बीमार श्रद्धालु को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में भेजा गया.

कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि भगवान जगन्‍नाथ के रथ को स्‍पर्श करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी. इस दौरान भगदड़ मच गई. भगदड़ वाले स्थान पर एंबुलेंस मौजूद नहीं थी. ऐसे में लोग खुद ही घायलों को उठाकर अस्पताल ले गए. हालांकि, अब वहां हालात सामान्‍य नजर आ रहे हैं.

प्रशासन की प्रतिक्रिया

हादसे के बाद ओडिशा सरकार और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की है. पुरी के जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ स्वैन ने बताया कि रथ यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिसमें 10,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम शामिल थी. इसके बावजूद, भीड़ प्रबंधन में कमी के कारण यह हादसा हुआ. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई.

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

पुरी रथ यात्रा के दौरान भगदड़ की यह पहली घटना नहीं है. शुक्रवार, 27 जून को तलध्वज रथ जोकि भगवान बलभद्र का रथ है, उसे खींचने के दौरान भी भगदड़ जैसी स्थिति बनी थी, जिसमें 500 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थे. पिछले साल 2024 में भी रथ यात्रा के दौरान एक श्रद्धालु की मौत और सैकड़ों के घायल होने की खबरें सामने आई थीं. इन घटनाओं ने प्रशासन के भीड़ प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं.

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बता दें कि भगवान जगन्‍नाथ का रथ अपने गंतव्य पहुंचने पर इन्हें गुंडिचा मंदिर के बाहर रखा गया है. औपचारिक शोभायात्रा के बाद देवताओं को रविवार को मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा. इस बीच भगवान जगन्‍नाथ के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है. हर कोई भगवान जगन्‍नाथ ही एक झलक पाने को आतुर हैं.

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