Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर परमाणु हमला करने वाला था रूस, PM Modi के दखल से पुतिन ने बदला आक्रामक रवैया, रिपोर्ट में दावा

PM Modi Stand on Russia-Ukraine War: अधिकारियों ने दावा किया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन इस बात से चिंतित था कि रूस यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को जल्द खत्म करने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
Russia-Ukraine War, PM Modi Stand on Russia-Ukraine War

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

PM Modi Stand on Russia-Ukraine War: 24 फरवरी 2020 से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष लगातार जारी है. अब इस युद्ध को लेकर एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आ रही है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022 के अंत में रूस अपने दुश्मन पर यूक्रेन परमाणु हमला करने की बड़ी योजना बना रहा था. साथ ही रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस हमले को रोकने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुछ देशों के नेताओं मुख्य भूमिका निभाई थी. बता दें कि यह रिपोर्ट रविवार को CNN की ओर से जारी किया गया है.

सीनियर अधिकारियों के हवाले से किया दावा

CNN की इस रिपोर्ट में 2 अमेरिकी सीनियर अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है. इसमें बताया गया है कि साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ देशों के नेताओं ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर उनको यूक्रेन पर परमाणु हमला(Nuclear Crisis In Ukraine) करने से रोकने में मदद की थी. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने दावा किया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन इस बात से चिंतित था कि रूस यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को जल्द खत्म करने के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. इसको लेकर अमेरिका ने भारत के PM Modi समेत अन्य देशों के नेताओं से से संपर्क किया और इस मामले पर बात किया. जिससे सभी को इस भीषण संकट को टालने में मदद मिली.

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भारत समेत ग्लोबल साउथ के देशों ने बढ़ाया दबाव

रिपोर्ट में आगे जिक्र किया गया है कि अमेरिका को रूस के इस घातक कदम के बारे में साल 2022 के अंत में पता चला. उस समय यूक्रेनी सेनाएं दक्षिण में रूस के कब्जे वाले खेरसॉन में आगे बढ़ रही थी. इस दौरान वहां तैनात पूरी रूसी सेना को भी उन्होंने घेर लिया था. इस बीच अमेरिकी प्रशासनिक हलकों में चर्चा थी कि दोनों देश के बीच खेरसॉन में पैदा हुई स्थिति परमाणु हथियारों का हमला हो सकता है. इसके बाद अमेरिका ने भारत समेत अन्य ग्लोबल साउथ के देशों की मदद का मांग की. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने दावा किया कि अमेरिका के बात करने के बाद भारत-चीन सहित अन्य देशों ने रूस से संपर्क किया और इस हमले को रोकने का दबाव बढ़ाया.

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