उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार उतारने के मूड में इंडिया ब्लॉक! ‘नंबर गेम’ में कौन है ‘बीस’?
जगदीप धनखड़
Vice President Election: उप-राष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग एक्शन मोड में नजर आ रहा है. आयोग ने नए उप-राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. तैयारियां पूरी होने के बाद उपराष्ट्रपति पद के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी. वहीं इस चुनाव को लेकर अब सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. जगदीप धनखड़ के बाद देश का अगला उप-राष्ट्रपति कौन होगा, इसको लेकर कयासों का बाजार लगातार गर्म रहा है.
मानसून सत्र के पहले दिन ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में कई मुद्दों पर टकराव ने संकेत दे दिया था कि संसद के दोनों सदनों का चल पाना इतना आसान नहीं होने वाला है. इस बीच, पहले ही दिन की कार्यवाही के बाद रात में जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने सभी को हैरान कर दिया. इसके बाद सभी की नजरें इस बात पर हैं कि एनडीए की तरफ से उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार कौन हो सकता है. दूसरी तरफ, ये भी संकेत मिल रहे हैं कि इंडिया ब्लॉक भी इस चुनाव में अपना उम्मीदवार उतार सकता है.
उम्मीदवार उतारने के मूड में विपक्ष
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विपक्षी खेमा उप-राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार उतार सकता है. हालांकि, अभी वह ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में है और सरकार के अगले कदम पर उसकी नजरें हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कुछ विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि अगर चुनाव हुए तो उनकी तरफ से निश्चित तौर पर उम्मीदवार उतारा जाएगा. एक सीपीआई(एम) सांसद ने कहा, “हम सत्ताधारी पक्ष के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं. एक बार जब वे उम्मीदवार तय कर लेंगे, तो हम इस पर भी चर्चा करेंगे कि क्या करना है.”
2022 में हुई थी वोटिंग
बता दें कि 2022 के उप-राष्ट्रपति चुनाव में भी दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. तब एनडीए की तरफ से जगदीप धनखड़ उम्मीदवार थे, वहीं मार्गरेट अल्वा संयुक्त विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार थीं. हालांकि, धनखड़ की जीत तय मानी जा रही थी और विपक्ष के बयानों से भी साफ हो गया था कि मार्गरेट अल्वा की उम्मीदवारी केवल सांकेतिक विरोध भर है. जगदीप धनखड़ के पक्ष में इस चुनाव में 780 में से 462 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 141 वोटों से ही संतोष करना पड़ा था. अब अगर विपक्ष की तरफ से अबकी भी उम्मीदवार उतारा गया तो वोटिंग दिलचस्प हो सकती है. हालांकि, मौजूदा हालात में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का पलड़ा यहां भारी नजर आता है.
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सदन में क्या है संख्या बल?
संसद के दोनों सदनों को मिलाकर सदस्यों की कुल संख्या 787 है और अगर सभी योग्य मतदाता वोट डालते हैं, तो विजयी उम्मीदवार को निर्वाचित होने के लिए 394 वोटों की आवश्यकता होगी. वर्तमान संख्या के लिहाज से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 422 सदस्य हैं. ऐसे में उनके उम्मीदवार की जीत की उम्मीदें प्रबल नजर आती हैं.
542 सदस्यीय लोकसभा में एनडीए के 293 सदस्य हैं. वहीं राज्यसभा की कुल 245 सदस्यों की संख्या में से सत्तारूढ़ गठबंधन के खेमे में 129 सदस्य हैं. इसमें वे मनोनीत सदस्य भी हैं जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट कर सकते हैं.