कोचीन में ICG का ऐतिहासिक समुद्री बचाव अभ्यास, SAREX-24 से बढ़ेगा क्षेत्रीय सहयोग और सुरक्षा

पहले दिन विभिन्न कार्यशालाएं, सेमिनार और टेबलटॉप अभ्यास आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न मंत्रालयों, सशस्त्र बलों, अन्य संस्थाओं और विदेशी प्रतिनिधि भाग लेंगे.
Indian Coast Guard

भारतीय तट रक्षक बल की मुस्तैदी से समंदर में भारत का दबदबा लगातार बढ़ रहा है. अब भारतीय तट रक्षक (Indian Coast Guard) 27 से 30 नवम्बर 2024 तक कोचीन में 11वें राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास (SAREX-24) और 22वीं राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव (NMSAR) बोर्ड बैठक का आयोजन करने जा रहा है. इस आयोजन का उद्देश्य राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव (M-SAR) प्रणाली को सहयोगात्मक तरीके से सशक्त बनाना है. इस अभ्यास में 4.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर के भारतीय खोज और बचाव क्षेत्र (ISRR) को ध्यान में रखते हुए, भारत के समुद्री सुरक्षा प्रयासों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे.

मास रेस्क्यू ऑपरेशन पर रहेगा जोर

इस बार के अभ्यास का मुख्य फोकस समुद्र में बड़ी आपात स्थितियों मास रेस्क्यू ऑपरेशन (MRO) पर रहेगा. इस बार का विषय है क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से खोज और बचाव क्षमताओं को बढ़ाना, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय तट रक्षक चाहे स्थान, राष्ट्रीयता या परिस्थितियां कुछ भी हों, समुद्र में संकट के समय मदद देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

इस कार्यक्रम का उद्घाटन 28 नवम्बर 2024 को रक्षा सचिव आईएएस राजेश कुमार सिंह करेंगे. वहीं, कार्यक्रम के दौरान भारतीय तट रक्षक के महानिदेशक एस. परमेश, पीटीएम, टीएम भी उपस्थित रहेंगे. पहले दिन विभिन्न कार्यशालाएं, सेमिनार और टेबलटॉप अभ्यास आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न मंत्रालयों, सशस्त्र बलों, अन्य संस्थाओं और विदेशी प्रतिनिधि भाग लेंगे. दूसरे दिन समुद्र में दो बड़े अभ्यास किए जाएंगे, जिनमें 500 यात्रियों से भरे एक यात्री जहाज के संकट में फंसने और 200 यात्रियों से भरे एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति का सामना किया जाएगा.

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विभिन्न तकनीकों का होगा इस्तेमाल

इस अभ्यास में विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जैसे सैटेलाइट, ड्रोन के माध्यम से लाइफ ब्यूयॉज (life buoy) की तैनाती, एयर-ड्रॉप करने योग्य लाइफ राफ्ट्स और रिमोट कंट्रोल लाइफ ब्यूयॉज. इसके अलावा, यह अभ्यास यह भी सुनिश्चित करेगा कि भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच समुद्री खोज और बचाव गतिविधियों में सहयोग बढ़े और सभी संबंधित पक्षों के बीच समन्वय मजबूत हो.

समुद्र सुरक्षा में भारतीय तट रक्षक की भूमिका दिन-ब-दिन बढ़ रही है और यह राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव प्रणाली के संचालन में प्रमुख भूमिका निभाता है. भारतीय तट रक्षक को भारतीय महासागर क्षेत्र (IORA) और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री बचाव के लिए नोडल एजेंसी के रूप में भी नियुक्त किया गया है. यह भारत के वैश्विक समुद्री सुरक्षा दृष्टिकोण और प्रधानमंत्री के “सागर” (सुरक्षा और विकास के लिए सभी के लिए क्षेत्रीय दृष्टिकोण) के विजन से मेल खाता है.

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