लोकसभा चुनाव से लेकर महाराष्ट्र के सियासी दंगल तक…2024 में देश की राजनीति ने कई बार ली करवट
Indian Politics: 2024 का साल भारतीय राजनीति के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण साल रहा है. इस साल जहां 5 साल बाद देश में लोकसभा चुनाव हुए, वहीं जम्मू-कश्मीर जैसी जगह पर 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हुए. चुनावों के अलावा, देश में ऐसे भी मुद्दे रहे जो सुर्खियों में रहे. इन मुद्दों में संविधान, आरक्षण से लेकर अडानी के मुद्दे पर संसद में जारी हंगामा तक शामिल रहा.
बीजेपी ने तीन राज्यों में हासिल की बंपर जीत
2024 की शुरुआत से ठीक पहले दिसंबर 2023 में तीन राज्यों में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नई सरकार बनी. साल के शुरुआत में तीनों सरकारों की खूब चर्चा रही. मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव, विष्णुदेव साय और भजनलाल शर्मा का नाम साल 2024 में खूब छाया रहा. तीनों ही राज्यों में बीजेपी ने नए चेहरे को मौका दिया. साल भर तीनों मुख्यमंत्रियों के कामकाज पर सबकी नजर रही. एमपी में मोहन सरकार हो या छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार, कई ऐसे फैसले लिए गए जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई.
पूर्वोत्तर में भी चुनावों की धमक रही
2024 में सबसे पहले अप्रैल महीने में अरुणाचल प्रदेश की 60 और सिक्किम की 32 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हुआ. 2 जून को जब परिणाम घोषित हुए तो अरुणाचल में बीजेपी ने 46 और सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने 32 में से 31 सीटें हासिल की. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की ये प्रचंड जीत मानी जा रही है. नतीजों के बाद अरुणाचल में पेमा खांडू तीसरी बार सीएम बने तो वहीं सिक्किम में प्रेम सिंह तामंग मुख्यमंत्री बने.
सबसे बड़े सवाल का मिला जवाब
2024 भारत की राजनीति के लिए बेहद खास रहा है. इस साल भारत में लोकसभा चुनाव होने थे. लोकसभा चुनाव को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई थीं. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी बनेंगे या कोई और? इस सवाल के जवाब का इंतजार था. 19 अप्रैल से लेकर 1 जून तक 7 चरणों में लोकसभा चुनाव हुए. चुनाव का परिणाम जब आया तो एनडीए को 293, इंडिया गठबंधन को 234 और अन्य के खाते में 16 सीटें आईं. आम चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा 240 सीटें मिलीं तो वहीं कांग्रेस को 99 सीटें मिलीं. नतीजों ने बीजेपी के 400 पार वाले सपने को तोड़ दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए. 2024 के लोकसभा चुनाव में संविधान, मंगलसूत्र, जाति जनगणना, महिला आरक्षण जैसे मुद्दों की गूंज रही. 2024 लोकसभा चुनाव पर ये रिपोर्ट देख लीजिए.
आंध्र और ओडिशा में एनडीए ने कब्जा जमाया
लोकसभा चुनाव में NDA की सरकार बनी, तो वहीं दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भी एनडीए सत्ता पर काबिज हुई. दोनों ही राज्यों में सत्ता परिवर्तन हुआ. ओडिशा में बीजेडी को बीजेपी ने हरा दिया और मोहन मांझी ओडिशा के मुख्यमंत्री बने, तो वहीं चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए.
10 साल बाद जम्मू कश्मीर में हुआ चुनाव, हरियाणा में भी चला सियासी संग्राम
16 अगस्त को जिस चुनाव का सालों से इंतजार था, उसकी घोषणा हो गई. चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. 10 साल बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में चुनाव होने थे. सितंबर और अक्टूबर महीने में हरियाणा और जम्मू कश्मीर में होने वाला चुनाव राजनीति का अखाड़ा बना रहा.
जम्मू कश्मीर में जहां धारा 370 लागू होने के बाद पहली बार चुनाव हुआ, तो वहीं किसान और पहलवान का मुद्दा हरियाणा चुनाव में बेहद खास बना हुआ था. दोनों ही राज्यों में तमाम दिग्गजों का अंधाधुंध प्रचार हुआ. जब चुनावी नतीजे आए तो जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बनी, वहीं हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी ने सरकार बनाई.
जम्मू कश्मीर के नतीजों में इंडिया गठबंधन को 49, तो वहीं बीजेपी को 29 सीटें हासिल हुई. वहीं हरियाणा में बीजेपी को 48 सीटें मिलीं, जबकि हरियाणा चुनाव में सूपड़ा साफ करने की मंशा लिए कांग्रेस 37 सीट पर ही सिमट गई. एक तरफ जहां जम्मू कश्मीर के चुनाव में 370 की गूंज थी, तो वहीं दूसरी ओर हरियाणा चुनाव में सीएम योगी के “बटेंगे तो कटेंगे” वाले नारे की भी चर्चा रही.
महाराष्ट्र में एनडीए की बंपर जीत, झारखंड में सोरेन की वापसी
साल 2024 में खूब चुनाव हुए हैं. जम्मू कश्मीर और हरियाणा के बाद दो और राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. साथ ही कई सीटों पर देशभर में उपचुनाव भी हुए. महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने थे. सभी पार्टियों ने बढ़-चढ़कर मुफ्त के वादे किए. महाराष्ट्र में लाडकी बहीण योजना का जादू चला और महायुति गठबंधन की सत्ता में वापसी हुई. लेकिन मुख्यमंत्री इस बार एकनाथ शिंदे नहीं, बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस बने. उधर झारखंड में एक बार फिर से जेएमएम की सत्ता में वापसी हुई. हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बने. महाराष्ट्र का चुनाव बयानों का चुनाव रहा, जिसमें सबसे ज्यादा गूंज रही “एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे” वाले बयान की.
प्रियंका गांधी उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचीं
प्रियंका गांधी वायनाड उपचुनाव में जीतकर संसद पहुंच गईं. चर्चा प्रियंका गांधी की भी खूब रही. प्रियंका गांधी के लोकसभा पहुंचने पर गांधी परिवार के 3 सदस्य सदन में आ गए हैं. संसद के शीतकालीन सत्र में प्रियंका गांधी कभी अपने भाषण से, तो कभी अपने बैग से खूब चर्चा में रही.
हंगामेदार रहा संसद का शीतकालीन सत्र
शीतकालीन सत्र में खूब हंगामा हुआ. शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तो गूंज अडानी की थी, और सत्र खत्म होते होते हंगामा आंबेडकर के मुद्दे तक पहुंच गया. गृह मंत्री अमित शाह के सदन में आंबेडकर पर दिए बयान पर खूब हंगामा हुआ और ये हंगामा धक्का-मुक्की तक पहुंच गया. सांसद अस्पताल पहुंच गए, राहुल गांधी पर FIR दर्ज हो गई और देश भर में बवाल हुआ.