Chirag Paswan: अपने ‘राम’ के खिलाफ जाने को तैयार हुए चिराग पासवान? जानें किस बात पर ‘मोदी के हनुमान’ ने कह दी ये बात

Chirag Paswan: चिराग ने कार्यक्रम में वक्फ कानून को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा- 'विपक्ष ने इस मामले में गलत प्रचार किया. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और आर्टिकल 370 के मामले में भी ऐसा किया गया. चिराग ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों का समर्थन करते हैं.
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Chirag Paswan: केंद्र सरकार में खुद को ‘हनुमान’ और पीएम मोदी को ‘राम’ बताने वाले चिराग पासवान ने कहा है कि वो अपने ही सरकार के खिलाफ खड़े हो जाएंगे. चिराग के इस बयान का साफ मतलब ये हैं कि वो पीएम मोदी यानी अपने राम के खिलाफ जाने को तैयार हैं. मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग जैसे अहम मंत्रालय संभाल रहे चिराग पासवान सरकार के अहम हिस्सा हैं. इसकी पुष्टि कई बार खुद पीएम मोदी ने की है. मगर Indian Express के Express Adda कार्यक्रम में बातचीत में चिराग ने ऐसा बयान दे दिया है कि राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.

बिहार से आने वाले युवा चेहरों में से एक चिराग पासवान पीएम मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं. 42 साल के चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव, जाति की राजनीति सहित तमाम मुद्दों पर अपनी बात की. एक सवाल के जवाब में चिराग ने कहा कि बिहार के चुनाव में जाति एक बहुत बड़ा समीकरण है. हालांकि यह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए. इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन एकजुट रहेगा और बड़ी जीत दर्ज करेगा.

‘बिहार में लोगों की पहचान जाति से’

चिराग ने आगे कहा कि वह MY समीकरण पर काम कर रहे हैं. इसमें M महिला और Y युवा है. उन्होंने आगे कहा- ‘हमने लोकसभा में इसे लागू किया, मेरी पार्टी ने सिर्फ 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और उनमें से दो महिलाएं थी. मैं 14 करोड़ बिहारियों की बात करता हूं, जब बिहारी आगे हैं तो बिहार इतना पीछे क्यों है? ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में आप बिहारी नहीं होते आपको ऊंची जाति, पिछड़ा, दलित, मुस्लिम के रूप में जाना जाता है.’

चिराग ने कार्यक्रम में वक्फ कानून को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा- ‘विपक्ष ने इस मामले में गलत प्रचार किया. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और आर्टिकल 370 के मामले में भी ऐसा किया गया. चिराग ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों का समर्थन करते हैं.

‘अपनी सरकार के सामने खड़ा हो सकता हूं’

चिराग ने आगे कहा- ‘मैं खुद भी आधा अल्पसंख्यक हूं. मेरी मां पंजाबी हैं, सरदारनी हैं. मैं अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ता हूं. अगर मुझे पता चलेगा कि मुसलमानों के साथ कुछ अन्याय हो रहा है, तो मैं सबसे पहले खड़ा हो जाऊंगा. मैं अपनी सरकार के सामने खड़ा हो सकता हूं और जब चीजें गलत होंगी तो मैं कुछ कह सकता हूं. मैं गठबंधन में हूं लेकिन मैं भाजपा नहीं हूं. इसलिए मैं सहयोगी हूं, क्योंकि मेरी विचारधारा अलग है. मोदी सरकार ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास’ की बात करती है.’

चिराग पासवान ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह इस बात के लिए अड़ गए थे कि हमें एनडीए के साथ जाना चाहिए क्योंकि इसका नेतृत्व नरेंद्र मोदी कर रहे थे. पासवान ने बताया कि उन्होंने अपने पिता से ही सीखा कि लोग कैसे काम करते हैं. चिराग ने कहा- ‘मेरे पिता ने 6 प्रधानमंत्रियों- वीपी सिंह, देवेगौड़ा, आईके गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के साथ काम किया था.’

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विपक्षी में अच्छे दोस्त

चिरागने कार्यक्रम के दौरान कहा कि विपक्षी दलों में भी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं. मैं अपने पिता की परंपरा को आगे बढ़ा रहा हूं.

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