TMC-सपा के बाद अब उद्धव को भी खटकने लगे राहुल, क्या कांग्रेस का अड़ियल रवैया बन रहा INDI Alliance में दरार की वजह?
INDI Alliance: साल 2023 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ “I.N.D.I.A.” ब्लॉक को तैयार किया था. जिसका मकसद सभी विपक्षी पार्टियों के गुट का मिलकर भाजपा से मुकाबला करना था. लेकिन इस इंडी ब्लॉक के सूत्रधार नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले इससे किनारा कर लिया था. तब गठबंधन से अलग होने का कारण कांग्रेस का अड़ियल रवैया बताया गया था. वहीं अब फिर से कांग्रेस या यूं कहें कि राहुल गांधी का अड़ियल रवैया ही कारण बन रहा है कि I.N.D.I.A. ब्लॉक की पार्टियों के बीच मनमुटाव दिखाई देने लगा है.
एक मंच पर I.N.D.I.A. लेकिन दिखी दूरियां
ये वो मौका था जब I.N.D.I.A. के अंतर्गत आने वाले पार्टी के कई नेता एक मंच पर उपस्थित थे. लेकिन कांग्रेस से उनकी दूरी साफ दिख रही थी. एक ही मंच साझा कर रही इंडी ब्लॉक की पार्टियों में एक तरफ ममता बनर्जी (TMC), अरविंद केजरीवाल (AAP), तेजस्वी यादव (RJD), अखिलेश यादव (सपा) और उदयनिधि स्टालिन (DMK) बैठे हुए थे. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी एक साथ बैठे थे. लेकिन इनके बीच कोई बातचीत नहीं दिखी.
कांग्रेस के स्टैंड से नाखुश हैं ममता
इन दिनों संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. लेकिन यह सत्र कांग्रेस के हंगामे के कारण हर दिन स्थगित कर दिया जा रहा है. सोमवार से शुरू हुई दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष अडानी के मुद्दे पर हंगामा करने लग रही है. जिस कारण संसद का सत्र चौथे दिन भी स्थगित कर दी गई. लेकिन कांग्रेस के इस रवैये पर विपक्षी सदस्यों में से TMC के सुर कांग्रेस से अलग दिख रहा है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी कांग्रेस से अलग स्टैंड लेती दिखी दीं. ममता बनर्जी ने बुधवार को अपने सांसदों की बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने कहा कहा कि अडानी मामले पर कांग्रेस हंगामा कर रही है. लेकिन टीएमसी चाहती है कि संसद चले ताकि जनता के मुद्दे उठाए जा सकें. राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बताया कि टीएमसी संसद में जनता की आवाज बनना चाहती है.
बता दें, TMC शुरू से ही इंडी ब्लॉक में रहते हुए भी कांग्रेस के खिलाफ रही है. लोकसभा चुनाव में भी TMC ने राज्य में इंडी ब्लॉक से खुद को अलग रखा था. यहीं हाल AAP में भी दिखा. अरविंद केजरीवाल ने भी पंजाब चुनाव में खुद को इंडी ब्लॉक से अलग रखा था. हालांकि, दिल्ली में जरूर कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा लेकिन चुनावी हार के बाद दिल्ली में ये गठबंधन टूट गया.
उद्धव गुट ने राहुल गांधी को लिया आड़े हाथों
महाराष्ट्र में विधानसभा की चुनाव में करारी हार मिलने का बाद अब महा विकास अघाड़ी से अलग होने का दबाव उद्धव ठाकरे पर बन रहा है. गुरुवार एक TV डिबेट में महाराष्ट्र चुनाव को लेकर बातचीत हो रही थी. जिसमें कांग्रेस प्रवक्ता अंचल लोढ़े और शिवसेना उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे के बीच जमकर बहस हुई. शिवसेना उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ओवर कॉन्फिडेंस में आ गई थी. जिसका नतीजा ये हुआ कि महाराष्ट्र में I.N.D.I.A. की सरकार नहीं बनी. शिवसेना उद्धव गुट को राज्य में 96 सीट दी गई थी चुनाव लड़ने के लिए और खुद कांग्रेस ने 101 सीट पर चुनाव लड़ा, जिसमें से मात्र 16 सीटों पर ही वह जीत पाई.
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क्या बिखर जाएगा I.N.D.I.A. ब्लॉक?
एक ही दिन में I.N.D.I.A. ब्लॉक की 3 पार्टियों का कांग्रेस के खिलाफ बयान गठबंधन की परेशानी को बढ़ा सकता है. सभी नाराज दलों ने गठबंधन के अंदर दरार का कारण कांग्रेस का अड़ियल रवैया माना है. पहले भी कुछ इसी तरह की बातें ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव कह चुके हैं. अब देखना है कि इंडी गठबंधन के दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला क्या गुल खुलाता है.