Israel का Iran पर बड़ा हमला, न्यूक्लियर साइट्स और मिलिट्री ठिकानों पर हमला, परमाणु वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों के मारे जाने का दावा
इजराइल-ईरान युद्ध
Israel-Iran War: इजरायल ने 13 जून की तड़के सुबह ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य प्रमुख सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए. इजरायली सेना (IDF) ने इन हमलों को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया है. जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन क्षमता को नष्ट करना बताया गया. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को रोकने के लिए था, जो इजरायल और वैश्विक सुरक्षा के लिए ‘अस्तित्व का खतरा’ है.
जानें इजरायली हमले का दायरा और लक्ष्य
इजरायली वायु सेना (IAF) ने दर्जनों लड़ाकू विमानों, ड्रोनों और मिसाइलों का उपयोग कर तेहरान, नतांज, फोर्डो और खोजिर में सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला किया.
मुख्य लक्ष्यों में नतांज की यूरेनियम संवर्धन सुविधा, फोर्डो का परमाणु अनुसंधान केंद्र, S-300 वायु रक्षा प्रणाली और बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन इकाइयां शामिल थीं.
इजरायल ने दावा किया कि हमले ने ईरान के परमाणु हथियार बनाने की क्षमता और मिसाइल उत्पादन को गंभीर नुकसान पहुंचाया.
Prime Minister Netanyahu:
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) June 13, 2025
"Moments ago, Israel launched Operation Rising Lion, a targeted military operation to roll back the Iranian threat to Israel's very survival.
This operation will continue for as many days as it takes to remove this threat." pic.twitter.com/3c8oF1GCYa
मृतकों और हताहतों का दावा
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी, इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी, IRGC एयरोस्पेस फोर्स कमांडर आमिर अली हाजीजादेह और परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी मारे गए.
ईरानी राज्य मीडिया ने हुसैन सलामी और दो वैज्ञानिकों, फरेदून अब्बासी और मोहम्मद मेहदी तहरांची की मृत्यु की पुष्टि की है.
हालांकि, ईरान ने कुल हताहतों की संख्या की आधिकारिक जानकारी नहीं दी, और स्थानीय रिपोर्ट्स में तेहरान में कई विस्फोटों की बात कही गई.
हमले को लेकर नेतन्याहू ने क्या कहा…
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के पास 15 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है और वह कुछ महीनों में परमाणु बम बना सकता है, जो इजरायल के लिए ‘अस्तित्व का खतरा’ है.
IDF ने हमले को ‘पूर्वनियोजित और सटीक’ बताया, जिसमें ईरान को आश्चर्यचकित करने के लिए अप्रत्याशित लक्ष्यों को चुना गया.
यह हमला 1 अक्टूबर 2024 को ईरान द्वारा इजरायल पर 180 बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले और हमास, हिजबुल्लाह और हूती जैसे ईरानी समर्थित समूहों की गतिविधियों का जवाब था.
ईरान की प्रतिक्रिया और जवाबी कार्रवाई की आशंका
ईरान के रक्षा मंत्री अजीज नसीरजादेह ने चेतावनी दी कि अगर परमाणु वार्ताएं विफल होती हैं, तो ईरान क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाएगा. ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कहा कि उनके पास इजरायल के परमाणु ठिकानों की खुफिया जानकारी है और जवाबी कार्रवाई ‘सटीक और समानुपातिक’ होगी. ईरानी मीडिया ने दावा किया कि हमले से ‘सीमित नुकसान’ हुआ है, और हवाई रक्षा प्रणालियों ने कई हमलों को विफल किया.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इजरायल ने हमले से पहले अमेरिका को सूचित किया था, लेकिन अमेरिका ने कोई सैन्य सहायता नहीं दी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु और तेल सुविधाओं पर हमले का विरोध किया था, लेकिन खुफिया सहायता की पेशकश की.