J-K: कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, केरन सेक्टर में मार गिराए 2 आतंकी

जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ती आतंकी घटनाओं पर लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है.

सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकी फिर से सिर उठाने लगे हैं. यहां डोडा जिले में सोमवार शाम को आंतकियों के साथ मुठभेड़ में पांच जवान घायल हो गए थे, अगले दिन अस्पताल में इलाज के दौरान सभी ने दम तोड़ दिया. इसके बाद से सुरक्षाबलों ने व्यापक स्तर पर सर्च ऑपरेशन चला रखा है. इस बीच कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में LOC के पास गुरुवार को आतंकियों का सामना भारतीय सेना से हो गया. एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया है.

उधर, जम्मू-कश्मीर में लगातार बढ़ती आतंकी घटनाओं पर लोकसभा में नेता विपक्ष ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है. लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू कश्मीर की जर्जर स्थिति बयान कर रहे हैं. भाजपा की गलत नीतियों का खामियाज़ा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं. हर देशभक्त भारतीय की यह मांग है कि सरकार बार-बार हो रही सुरक्षा चूकों की पूरी जवाबदेही ले कर देश और जवानों के गुनहगारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे. दुख की इस घड़ी में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता से खड़ा है.”

डोडा में क्या हुआ था?

सेना के अनुसार, डोडा में मुठभेड़ उस समय हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने शहर से करीब 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरारबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू की. अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन एक अधिकारी के नेतृत्व में बहादुर जवानों ने चुनौतीपूर्ण इलाके और घने पेड़ों के बावजूद उनका पीछा किया, जिसके बाद रात करीब नौ बजे जंगल में फिर से गोलीबारी हुई. इसी मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. मंगलवार सुबह सभी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

बता दें कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली थी. यह संगठन पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद का ही ऑफ शूट है, जिसने हाल ही में कठुआ में सेना के काफिले पर हुए हमले की भी जिम्मेदारी ली थी.

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