Fuel Price Hike: ‘खटा-खट बढ़ गई महंगाई!’, हरदीप सिंह पुरी ने कर्नाटक सरकार पर बोला हमला, कुमारस्वामी ने भी साधा निशाना
Karnataka Fuel Price Hike: कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के बाद से ही हंगामा मचा है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें में बढ़ोतरी होने के बाद से ही आम लोगों के साथ-साथ विपक्ष भी रोष में है. NDA के घटक दल इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर हैं. इसी क्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कर्नाटक सरकार की आलोचना की है. उन्होंने BJP शासित राज्यों से तुलनता करते हुए दावा किया कि कर्नाटक सरकार के इस फैसले से राज्य में जरूरत की सभी वस्तुओं के लिए मंहगाई बढ़ जाएगी.
ऐसा फैसला कांग्रेस के पाखंड को उजागर करता- पुरी
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने X हैंडल पर लिखा कि, ‘खटा-खट बढ़ गई महंगाई! हर परिवार की महिला को 8500 रुपए प्रतिमाह देने के वादे को पूरा न करने के बाद कांग्रेस शासित कर्नाटक सरकार ने राज्य में पेट्रोल और डीजल के लिए 3 रुपए प्रति लीटर अधिक भुगतान करने का बोझ कर्नाटक के लोगों पर डाल दिया है. इस फैसले के बाद, कर्नाटक के लोगों को खाद्य पदार्थों, कपड़ों, दवाओं और बुनियादी जरूरतों की सभी वस्तुओं के लिए अधिक भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा क्योंकि ईंधन की कीमतें सीधे सभी वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित करती हैं. चुनाव समाप्त होने के ठीक बाद ऐसा फैसला कांग्रेस के पाखंड को उजागर करता है जो महंगाई की बात तो करती है लेकिन BJP शासित राज्यों की तुलना में लगभग 8 रुपए प्रति लीटर से 12 रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त वैट लगाती है.
कर्नाटक की संशोधित दरें अभी भी किफायती- सिद्धारमैया
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बाद केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी और JDS नेता नेता भी अपना आक्रोश जाहिर किया. उन्होंने कहा कि मैं राज्य के लोगों से आग्रह करता हूं कि आपके कर का पैसा इस (कांग्रेस) सरकार द्वारा लूटा जा रहा है. मैं राज्य के लोगों से आग्रह करता हूं राज्य बड़े स्तर पर विरोध करेगा. वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का बचाव करते दिखे. उन्होंने कहा अपने ‘X’ हैंडल पर लिखा कि कर्नाटक सरकार ने पेट्रोल पर वैट बढ़ाकर 29.84% और डीजल पर 18.44% कर दिया है. इसके बाद भी ईंधन पर हमारे राज्य का कर अधिकांश दक्षिण भारतीय राज्यों और महाराष्ट्र जैसे समान अर्थव्यवस्था वाले राज्यों की तुलना में कम है. महाराष्ट्र में पेट्रोल पर वैट 25% और 5.12 रुपये अतिरिक्त कर है, जबकि डीजल पर यह 21% है. कर्नाटक की संशोधित दरें अभी भी अधिक किफायती हैं.
‘कर्नाटक में डीजल की कीमतें गुजरात और मध्य प्रदेश से कम’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आगे कहा कि वैट में बढ़ोतरी के बावजूद कर्नाटक में डीजल की कीमतें गुजरात और मध्य प्रदेश से कम हैं. हम अपने नागरिकों के लिए ईंधन की कीमतें उचित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. तत्कालीन डबल इंजन वाली BJP सरकार ने कर्नाटक के संसाधनों को दूसरे राज्यों में भेजने में सहयोग किया. राज्य की BJP सरकार पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करती रही जबकि केंद्र सरकार अपने कर बढ़ाती रही. इस हेरफेर के कारण कर्नाटक के राजस्व में कमी आई, जबकि केंद्र सरकार ने अपने खजाने में अधिक धन एकत्र किया, जिससे कन्नड़ लोगों के साथ धोखा हुआ. बता दें कि, लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के ठीक बाद कर्नाटक सरकार ने ईंधनों की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है. इस फैसले को लेकर जद (एस) और भारतीय जनता पार्टी सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार के खिलाफ हैं.