Karnataka: कन्नड़ लोगों को प्राइवेट नौकरियों में मिलेगा 100 प्रतिशत आरक्षण! CM सिद्धारमैया का बड़ा फैसला
Karnataka News: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने नौकरी में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि प्राइवेट क्षेत्र में सी और डी ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों को नियुक्त करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों को सख्त सजा दी जाएगी.
सीएम सिद्धारमैया ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कल हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के सभी निजी उद्योगों में “सी और डी” ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों को नियुक्त करना अनिवार्य करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी गई. हमारी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ लोगों को कन्नड़ की भूमि में नौकरियों से वंचित न होना पड़े और उन्हें मातृभूमि में आरामदायक जीवन जीने का अवसर दिया जाए. हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं. हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण का ध्यान रखना है.”
Karnataka CM Siddaramaiah tweets, “The Cabinet meeting held yesterday approved a bill to make it mandatory to hire 100 per cent Kannadigas for “C and D” grade posts in all private industries in the state. It is our government’s wish that the Kannadigas should avoid being deprived…
— ANI (@ANI) July 17, 2024
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक अगर किसी प्रतिष्ठान के मालिक या मैनेजर इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें 10 हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक का जुर्माने भरना पड़ेगा. इसके अलावा प्रस्तावित विधेयक में यह भी कहा गया है कि यदि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी उल्लंघन जारी रहता है, तो उल्लंघन जारी रहने तक प्रत्येक दिन के लिए 100 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए किया ऐलान
उधर, सीएम सिद्धारमैया ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक अगस्त से सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशें लागू करेगी. इससे सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन में 58.50 प्रतिशत और मकान किराया भत्ते में 32 प्रतिशत की वृद्धि होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संशोधन सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों और स्थानीय निकायों के कर्मचारियों और विश्वविद्यालयों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों पर भी लागू होगा, जिसके लिए सरकार पर सालाना 20,208 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा.