Farmers Protest: सरकार का प्रस्ताव खारिज करने के बाद 21 फरवरी को ‘दिल्ली कूच’ का ऐलान, किसानों ने बताया आगे का प्लान
Farmers Protest: दिल्ली कूच की जिद पर अड़े किसानों ने बड़ा ऐलान किया है. रविवार देर रात हुई पंजाब-हरियाणा की सीमाओं पर डटे किसानों और केंद्र सरकार के साथ हुई बातचीत विफल हो गई है. आंदोलन में भाग ले रहे किसान नेताओं ने सरकार की ओर से पांच साल तक दाल, मक्का और कपास की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रस्ताव को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है और उन्होंने बुधवार, 21 फरवरी को देश की राजधानी कूच करने की घोषणा की है
‘विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति दे सरकार’
किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा से लगे पंजाब के शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो किसानों के मुद्दों का समाधान किया जाए या रास्तों से अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए. बताते चलें कि किसान 23 फसलों के लिए एमएसपी की मांग कर रहे हैं.
‘सरकार को अब फाइनल निर्णय लेना चाहिए’
वहीं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमारे दो मंचों पर केंद्र के प्रस्ताव की चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के हित में नहीं है और हम इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली मार्च का उनका आह्वान अभी भी बरकरार है. वहीं सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘हम 21 फरवरी को सुबह 11 बजे राजधानी दिल्ली के लिए शांतिपूर्वक कूच करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को अब फाइनल निर्णय लेना चाहिए.
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‘एमएसपी की मांग को भटकाने-कमजोर करने की कोशिश’
बताते चलें कि किसानों के साथ वार्ता के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय ने दाल, मक्का और कपास सरकार की ओर से एमएसपी पर खरीदने के लिए 5 वर्षीय समझौते का प्रस्ताव दिया था. इससे पहले वर्ष 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने भी सरकार के प्रस्ताव को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि इसमें किसानों की एमएसपी की मांग को भटकाने और कमजोर करने की कोशिश की गई है. एसकेएम ने दावा किया कि और वह स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसित एमएसपी के लिए C-2+50% का फार्मूले से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.