Delhi: बेसमेंट में लाइब्रेरी, ड्रेनेज का नहीं कोई इंतजाम, Rau’s IAS कोचिंग हादसे पर उठ रहे कई सवाल
Delhi Coaching Centre Incident: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत का मामला गरमाया हुआ है. शनिवार, 27 जुलाई को शाम हुई भारी बारिश के बाद बेसमेंट में चंद मिनटों में ही 10-12 फीट पानी भर गया था. इस हादसे में यूपी के आंबेडकर नगर की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम का रहने वाला नवीन डाल्विन की मौत हो गई. तीनों मृतक सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे थे. इस हादसे पर पुलिस ने केस दर्ज कर कोचिंग सेंटर के मालिक और कॉर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया है.
दोनों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि बेसमेंट में पानी इतनी तेजी से कैसे भर गया. वहीं, सोमवार को संसद में भी इस हादसे पर चर्चा होने की उम्मीद है. अब इस हादसे पर कई सवा भी उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल ये है कि कोचिंग सेंटर ने बेसमेंट में लाइब्रेरी कैसे बना ली, जबकि NOC सिर्फ स्टोर रूम के लिए ली गई थी. बेसमेंट में ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था भी नहीं बनी थी. वहीं, पुलिस भी दो थ्योरी पर जांच कर रही है.
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स्टोर रूम की NOC फिर कैसे बना लाइब्रेरी
एमसीडी के अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग सेंटर के बिल्डिंग प्लान को 2021 में मंजूरी दी गई थी. बिल्डिंग के कम्प्लीशन सर्टिफिकेट में साफ-साफ लिखा था कि बेसमेंट को पार्किंग स्पेस या स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. इसका मतलब है कि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी अवैध थी. कोचिंग सेंटर को इसी महीने फायर एनओसी दी गई थी. इसमें कोचिंग सेंटर को तीन मंजिला इमारत, इमारत के नीचे पार्किंग स्पेस और एक बेसमेंट की मंजूरी मिली थी. इसमें भी यही बताया गया था कि बेसमेंट को स्टोर रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता से पुलिस ने बेसमेंट में लाइब्रेरी की परमिशन के डॉक्यूमेंट मांगे जो उसके पास नहीं थे.
बेसमेंट में क्यों नहीं था ड्रेनेज सिस्टम?
मामले में पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. अभिषेक गुप्ता ने पूछताछ में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं होने की बात कबूल की है. इस मामले में पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसके मुताबिक, कोचिंग सेंटर के बाहर सड़क पर भी ड्रेनेज सिस्टम की कोई व्यवस्था नहीं थी. जांच से पता चला है कि कोचिंग सेंटर का बेसमेंट ग्राउंड फ्लोर से 8 फीट नीचे थे. छात्रों का कहना है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट अखबारों में पहले पन्ने पर विज्ञापन देने के लिए लाखों रुपये खर्च करते हैं लेकिन बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं.
आखिर बेसमेंट में कैसे घुसा पानी?
इसे लेकर तीन तरह की बातें सामने आई हैं. एमसीडी का कहना है कि सड़क किनारे लोगों ने नालियों पर अतिक्रमण कर लिया है और नालियों को ढंक दिया है. इस कारण इलाके में बाढ़ आ गई और पानी बेसमेंट में घुस गया. सूत्रों के मुताबिक, भारी बारिश के बाद कोचिंग सेंटर का गेट बंद कर दिया गया था. पानी को रोकने के लिए एंट्री गेट पर स्टील शेड लगाया गया था.
पुलिस और फायर सर्विस डिपार्टमेंट की एक थ्योरी कहती है कि जैसे ही पानी सड़क पर जमा हुआ, पानी का दबाव इतना था कि इससे स्टील शेड टूट गया और पानी बेसमेंट में भर गया होगा. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या किसी कार को बाहर निकालने के लिए गेट खोला गया था, जिसके कारण बेसमेंट में पानी भर गया.
कैसे हुआ ये हादसा?
अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. शुरुआती जांच में यही सामने आया है कि शनिवार को भारी बारिश हुई थी, जिस कारण सड़क पर पानी भर गया था. ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के कारण यही पानी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भर गया. इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें कई छात्र खुद को डूबने से बचाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. एक वीडियो में भारी बारिश के कारण कोचिंग सेंटर का मेन एंट्री गेट गिरता हुआ दिख रहा है, जिस कारण बेसमेंट में पानी भर गया.
बताया जा रहा है कि बेसमेंट में आने और जाने का रास्ता भी एक ही था. कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि एंट्री-एग्जिट का बायोमेट्रिक सिस्टम खराब हो गया था, जिस कारण छात्र यहां फंस गए थे.