Pro-Palestine पोस्ट लाइक करना पड़ा भारी, मुंबई के टॉप स्कूल ने प्रिंसिपल को किया बर्खास्त

Maharashtra News: मुंबई के विद्या विहार इलाके में स्थित सोमैया स्कूल प्रबंधन ने मंगलवार को अपने प्रिंसिपल को बर्खास्त कर दिया है. प्रबंधन ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रिंसिपल परवीन शेख की गतिविधियां हमारे स्कूल के इथिक्स और मूल्यों के साथ मेल नहीं खाती है.
Mumbai School

परवीन शेख

Maharashtra News: मुंबई के विद्या विहार इलाके में स्थित सोमैया स्कूल प्रबंधन ने मंगलवार को अपने प्रिंसिपल को बर्खास्त कर दिया है. स्कूल प्रबंधन ने बयान जारी करते हुए कहा कि हमारे संज्ञान में यह मामला आया था कि प्रिंसिपल परवीन शेख की सोशल मीडिया पर जो गतिविधियां है हमारे स्कूल के इथिक्स और मूल्यों के साथ मेल नहीं खाती है. यह काफी गंभीर मामला है और इसको लेकर हम काफी सतर्क रहते हैं. यही कारण है कि परवीन शेख की सेवा को खत्म कर दिया गया. दरअसल, हमास के समर्थन में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट पर लाइक और कमेंट करने को लेकर उनके खिलाफ यह कार्रवाई हुई है.

मीडिया में छपी खबर के अनुसार स्कूल प्रबंधन का कहना है कि हमलोग अभिव्यक्ति की आजादी का हमलोग पुरजोर समर्थन करते हैं, लेकिन इसका प्रयोग जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए. वहीं शेख ने अपने टर्मिनेशन को पूरी तरह से गलत और अवैध बताया. शेख ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने दावा किया कि स्कूल प्रिंसिपल के तौर पर मेरा काम काफी अच्छा है, लेकिन मुझे नौकरी से निकाले जाने का फैसला पूरी तरह से गलत और अन्यायपूर्ण है.

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परवीन शेख ने देश की न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताया

वहीं इस मामले पर अपनी बात रखते हुए परवीन शेख ने कहा कि मुझे देश की न्याय व्यवस्था और संविधान पर पूरा भरोसा है. इस कारण मैं भी दूसरे कानूनी विकल्प के बारे में विचार कर रही हूं. बीते सप्ताह स्कूल प्रबंधन ने कहा था कि परवीन शेख से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनके जवाब का इंतजार था. वहीं मंगलवार को अपने बयान में स्कूल प्रबंधन ने शेख के जवाब का जिक्र नहीं किया. बताया जाता है कि परवीन शेख स्कूल के साथ पिछले 12 साल से जुड़ी थी.

परवीन शेख ने आगे कहा, “मुझे निराशा है कि मैंने स्कूल के विकास के लिए  12 साल तक कड़ी मेहनत, समर्पण और ईमानदारी से काम किया. इसके बावजूद प्रबंधन ने एक सार्वजनिक निंदा अभियान के सामने मेरे साथ खड़ा नहीं होने का फैसला किया और मेरे खिलाफ यह कड़ा एक्शन लिया.  यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है. मुझे हमारी कानूनी प्रणाली और भारतीय संविधान में दृढ़ विश्वास है और मैं वर्तमान में अपने कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही हूं.

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