Lok Sabha Election: जम्मू-कश्मीर में एक साथ नहीं होंगे लोकसभा-विधानसभा चुनाव, EC पर भड़के फारूक अब्दुल्ला, बोले- एक राष्ट्र, एक चुनाव का था अवसर

Jammu-Kashmir Lok Sabha Election 2024: जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर पांच चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. घाटी में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होगा.
Farooq Abdullah, Jammu-Kashmir Lok Sabha Election 2024

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला

Jammu-Kashmir Lok Sabha Election 2024 Dates, Schedule: देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. शनिवार, 16 मार्च को चुनाव आयोग ने 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव की तारीखों का घोषणा कर दी गई है. लोकसभा चुनाव के लिए पूरे देश में सात चरणों में मतदान होगा. वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर पांच चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. घाटी में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होगा. ऐसे में जम्मू-कश्मीर में लोकसभा के साथ विधानसभा के चुनाव नहीं होंगे.

फारूक अब्दुल्ला ने जाहिर की नाराजगी

वहीं लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव न कराने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और JKNC नेता फारूक अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा, ‘मुझे दुख हो रहा है. एक तरफ सरकार कहती है कि हम एक राष्ट्र, एक चुनाव चाहते हैं. इस बार एक अवसर था. चार राज्यों में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव दोनों हो रहे हैं. आप जम्मू-कश्मीर को क्यों नकार रहे हैं. क्या लोगों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार है?’

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कुछ दिनों पहले EC की टीम ने किया था दौरा

बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग की टीम ने 11 से 13 मार्च तक जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरा किया था. उस समय उन्होंने कहा था, ‘हम जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर चिंतित हैं. श्रीनगर और जम्मू में हम जिन राजनीतिक दलों से मिले, उनमें से अधिकांश दलों ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग की, लेकिन दो चुनाव एक साथ कराने पर अंतिम फैसला सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक दलों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा’.

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