Lok Sabha Election 2024: उत्तराखंड में 80 फीसदी वोटिंग कराने का आयोग ने रखा लक्ष्य, इन दोनों सीटों पर पिछली बार काफी कम पड़े थे वोट

Lok Sabha Election 2024: हरिद्वारा और यूएसनगर सीट पर बीते आम चुनाव में 70 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी. लेकिन इन दोनों सीटों पर इस बार आयोग ने 80 फीसदी का लक्ष्य रखा है.
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भारत निर्वाचन आयोग

Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद भारत निर्वाचनय आयोग अब चुनावी तैयारियों में लग गया है. आयोग इस बार वोटिंग परसेंट बढ़ाने के लिए हर जरूरी तैयारी कर रहा है. खास तौर से उत्तराखंड जैसे पहड़ी राज्यों में वोटिंग परसेंट को 80 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरिद्वार और यूएसनगर जैसी मतदाता बहुत सीटों पर आयोग खास तैयारी कर रहा है

इसके अलावा उत्तराखंड के अन्य तीन सीटों पर आयोग ने पिछली बार के मुकाबले वोटिंग 14 फीसदी बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. दरअसल, बीते चार लोकसभा चुनाव की बात करें तो वहां वोटिंग परसेंट राष्ट्रीय औसत से काफी कम रहा है. बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर 67.40 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि उत्तराखंड में वोटिंग का औसत आंकड़ा 61.50 फीसदी था.

काफी कम रही है वोटिंग

आयोग उत्तराखंड में कुल औसत वोटिंग परसेंट 75 फीसदी के ऊपर ले जाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है. गौरतलब है कि वोटर्स की एक बड़ी तादाद राज्य से बाहर रहती है. इस वजह से पहाड़ी इलाकों में वोटिंग काफी कम होती रही है. बीते लोकसभा चुनाव के दौरान अल्मोड़ा में सबसे कम 47.75 फीसदी और टिहरी में 49.32 फीसदी वोटिंग हुई थी.

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हालांकि हरिद्वारा और यूएसनगर सीट पर बीते आम चुनाव में 70 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी. लेकिन इन दोनों सीटों पर इस बार आयोग ने 80 फीसदी का लक्ष्य रखा है. मैदानी इलाकों में वोटिंग बढ़ाने पर आयोग पूरा फोकस कर रहा है. बता दें कि इस बार देश में कुल 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. जिनमें से 49.7 करोड़ पुरुष और 47 करोड़ महिलाएं हैं. इसमें 1.82 करोड़ पहली बार मतदाता इन चुनावों में हैं.

राजीव कुमार ने कहा बताया है कि 10.5 लाख मतदान केंद्र, 1.5 करोड़ मतदान अधिकारी और सुरक्षा कर्मचारी, 55 लाख ईवीएम, 4 लाख वाहन हैं. 85 वर्ष से अधिक उम्र के जितने भी मतदाता हैं उनके घर जाकर मतदान करवाया जाएगा. इस बार देश में पहली बार ये व्यवस्था एक साथ लागू होगी कि जो 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता हैं और जिन्हें 40% से अधिक की विकलांगता है.

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