यूपी में टाइट फाइट, बिहार में रिपीट की चुनौती…पांचवें चरण की 49 सीटों में से कांग्रेस के पास सिर्फ एक, BJP की टेंशन भी कम नहीं
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को आठ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की 49 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस चरण में 695 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. बता दें कि जिन 8 राज्यों की सीट पर चुनाव होना है, उसमें 2019 में विपक्षी कांग्रेस एक ही सीट जीत सकी थी.
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीट, महाराष्ट्र की 13, पश्चिम बंगाल की 7, बिहार की 5, ओडिशा की 5, झारखंड की 3, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख की 1-1 सीट पर मतदान होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 49 सीटों में से कांग्रेस को यूपी के रायबरेली में ही सफलता मिली थी. जबकि बीजेपी ने 32 सीटें जीती थीं.
यूपी में दांव पर बीजेपी की साख
पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर वोटिंग होगी. इनमें लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, मोहनलालगंज, कैसरगंज, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद और गोंडा शामिल हैं. बीजेपी ने 2019 में रायबरेली को छोड़कर इन सभी सीटों पर जीत का परचम लहराया था. लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तो अमेठी से स्मृति ईरानी ने चुनाव जीता था. इस बार भी दोनों केंद्रीय मंत्री अपनी-अपनी सीटों से ताल ठोक रहे हैं. वहीं, रायबरेली से सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी चुनावी मैदान में उतरे हैं.
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बिहार में रिपीट की चुनौती
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार की पांच सीटों पर मतदान है. इनमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण और हाजीपुर शामिल हैं. 2019 में इन सभी सीटों पर एनडीए कब्जा जमाने में कामयाब रही थी, जिसमें बीजेपी तीन सीटें और जेडीयू-एलजेपी एक-एक सीट जीतने में सफल रही. हालांकि इस बार राजद ने पूरा जोर लगा रखा है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एनडीए को अच्छी-खासी टक्कर मिल रही है.
महाराष्ट्र में शिंदे सेना की अग्नि परीक्षा
महाराष्ट्र में पांचवे चरण में 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव है. इनमें नासिक, कल्याण, पालघर, धुले, डिंडोरी, भिवंडी, ठाणे, मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर पूर्व, मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम और मुंबई उत्तर मध्य सीट शामिल हैं. 2019 में इन 13 में से शिवसेना 7 सीटें और बीजेपी 6 सीटें जीतने में सफल रही. हालांकि इस बार स्थिति बिल्कुल अलग है क्योंकि शिवसेना दो गुटों में बंट गई हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए ये चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है.