महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर कहां-कहां फंसा है पेंच? अमित शाह ने संभाली कमान, क्या अब सुलझ जाएगा मामला?
Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और अजित पवार को साथ लेकर बीजेपी ने अपने गठबंधन के कुनबे को भले ही बढ़ा लिया है, लेकिन सीट शेयरिंग पर अभी तक बात नहीं बन पाई है. हाल ही में बीजेपी ने अपने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें महाराष्ट्र और बिहार के कैंडिडेट के नाम शामिल नहीं थे. महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन में शामिल शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी अपनी-अपनी दावेदारी को बढ़ाना चाहती है, जिसके चलते ही मामला उलझा हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के दौरे पर हैं और मंगलवार देर शाम मुंबई पहुंचेगे. ऐसे में देखना है कि अमित शाह कैसे शिंदे-अजित पवार खेमे के साथ सीट शेयरिंग के मामले को सुलझाते हैं?
NDA में सीट बंटवारे पर फंसा पेंच
महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दल एनसीपी (अजित पवार गुट) और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी के दोनों ही सहयोगी दल ज्यादा सीटों की मांग कर रही है, जबकी बीजेपी अपने लिए अधिक सीटें चाहती है.
बताया जा रहा है कि बीजेपी 48 में से 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. वहीं अपनी सहयोगी शिवसेना (शिंदे गुट) को 12 सीटें और एनसीपी (अजित गुट) को 6 सीटें देना चाहती है. जबकी चुनाव में शिवसेना 22 सीटों की मांग कर रही है. यही वजह है कि पार्टी में सीट बंटवारे की बात अभी तक नहीं बन पाई है. सोमवार 5 मार्च को संभाजीनगर की सभा के बाद अमित शाह मुंबई के लिए रवाना होंगे. जहां वो एनसीपी और शिवसेना नेताओं के साथ बैठक करेंगे. जिसमें सीट बंटवारे पर चर्चा होने की उम्मीद है. अब जब अमित शाह महाराष्ट्र पहुंच चुके हैं तो उम्मीद की जा सकती है कि महाराष्ट्र में सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर बातचीत हो और जल्द ही इसका नतीजा सामने आए.
शिवसेना ने 22 सीटों का राग अलापा
बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना ने अपनी कमर कस ली है. हालांकि, सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. लेकिन इस बीच शिंदे की शिवसेना ने महाराष्ट्र लोकसभा के लिए 22 सीटों की मांग उठाई है. शिवसेना शिंदे गुट के नेता और मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा है की शिवसेना 2019 में 22 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, उतनी ही सीटें इस चुनाव में हमें मिले ये हमारी मांग है.यह तय है कि आगामी लोकसभा चुनाव में महायुति यानी शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कौन सी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला जल्द ही हो जाएगा. प्रत्येक पार्टी की समन्वय समिति की बैठकें हो चुकी हैं और रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है. शिंदे गुट की शिवसेना के मुताबिक, पार्टी की ओर से उन सभी 22 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की भी समीक्षा की है. जिसकी जानकारी एकनाथ शिंदे को बता दी गई है. अंतिम निर्णय भी वही लेंगे.
वहीं अजित पवार की बात करें तो उन्होंने 11 सीटों की मांग बीजेपी के सामने रख चुके हैं. अब देखना ये होगा कि महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर सहमति कब तक बन पाती है. उम्मीद है कि पार्टी के दूसरी लिस्ट जारी होने से पहले महाराष्ट्र में सीट बंटवारे का मसला हल हो जाएगा.
खुलकर सीटों की मांग कर रहे हैं शिवसेना नेता
बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट के शिवेसना नेता आनंदराव अडसुल, सांसद गजानन कीर्तिकर और पूर्व मंत्री रामदास कदम खुलकर प्रमुख सीटों की डिमांड कर रहे हैं और यहां तक कि यह भी कह रहे हैं कि अगर उनकी सीट बीजेपी के खाते में जाती है तो फिर वे अपने क्षेत्रों में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेंगे. इसकी वजह यह है कि सीट शेयरिंग में शिवसेना नेताओं की सीटें बीजेपी के हिस्से में जा रही हैं, जिसे लेकर शिवसेना चिंतित है. इसीलिए पार्टी ने आक्रमक रुख अपना रखा है, जिसे लेकर टेंशन बढ़ती जा रही है और भीतरघात का खतरा दिख रहा.
शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल अमरावती सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं और एक बार फिर से ताल ठोंकना चाहते हैं. अडसुल यह दावा तब कर रहे हैं जबकि बीजेपी निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को टिकट देने की योजना बना रही है. अडसुल लगातार कह रहे हैं कि अमरावती लोकसभा सीट शिवसेना की है, जिसके चलते वो चुनाव लड़ेंगे. 2019 में शिवसेना चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस बार बीजेपी नवनीत राणा को चुनाव लड़ाना चाहती है तो शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार) दोनों ही डिमांड कर रही है.