Lok Sabha Election: BJP से टिकट नहीं मिलने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने छोड़ी राजनीति, 31 सालों का राजनीतिक सफर किया खत्म

Lok Sabha Election: बीजेपी ने दिल्ली में अपने पांच उम्मीदवारों के नाम का ऐलान शनिवार को किया है, जिसमें चार नए चेहरों को मौका दिया है.
Dr Harsh Vardhan

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन

Lok Sabha Election: बीजेपी ने शनिवार को अपने 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी. पार्टी ने इस लिस्ट में मौजूदा 34 सांसदों का टिकट काटा है. वहीं लिस्ट में दिल्ली की पांच लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया गया है. जिसमें चार नए चेहरों को मौका मिला है. पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन को इस बार पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है.

दिल्ली की चांदनी चौक सीट से मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने टिकट नहीं मिलने के बाद अब राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर अपने इस फैसले की जानकारी दी है. बीजेपी ने इस बार डॉ. हर्षवर्धन ने पोस्ट की जगह प्रवीण खंडेलवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. पार्टी के इस फैसले के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अब राजनीति में अपने 31 साल के सफर को खत्म करने का ऐलान किया है.

ये मेरी अद्भुत पारी रही- डॉ. हर्षवर्धन

उन्होंने पोस्ट कर लिखा, ‘दिल से एक स्वयंसेवक हूं और तत्कालीन आरएसएस नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी मैदान में आया था. अब बिना कोई पश्चाताप मैं बताना चाहता हूं कि ये मेरी अद्भुत पारी रही है. मैंने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही दो बार देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में काम किया है. मैंने पहले पोलियो मुक्त भारत बनाने के लिए काम किया और फिर कोविड-19 के दौरान लाखों देशवासियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दुर्लभ अवसर मिला है.’

ये भी पढें: Lok Sabha Election: गुजरात में BJP ने 5 मौजूदा सांसदों का काटा टिकट, राजकोट से रुपाला और पाेरबंदर से मंडाविया पर जताया भरोसा

गौरतलब है कि डॉ. हर्ष वर्धन ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था. तब मई से नवंबर 2014 तक वह पहली मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री रहे. नवंबर 2014 से मई 2019 तक केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अलावा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी. मई 2017 से मई 2019 तक केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के तौर पर भी काम किया था. इसके बाद दिल्ली से पांच बार विधायक रह चुके हैं और दिल्ली सरकार में 1993 से 1998 तक स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून और न्याय विधायी कार्य मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं.

ज़रूर पढ़ें