MUDA जमीन घोटाले में फंसे CM सिद्धारमैया! लोकायुक्त पुलिस ने भेजा नोटिस, पत्नी से भी हुई थी पूछताछ

MUDA Case: इस केस में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम से 25 अक्टूबर को पूछताछ हुई थी. इससे पहले मंगलवार (29 अक्टूबर) को MUDA के पूर्व कमिश्नर डीबी नटेश को हिरासत में लिया गया था.
Karnataka CM Siddaramaiah

सिद्धारमैया, मुख्यमंत्री, कर्नाटक

MUDA Case: लोकायुक्त पुलिस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) स्कैम केस में 6 नवंबर को पूछताछ के लिए समन जारी किया है. इस केस में सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम से 25 अक्टूबर को पूछताछ हुई थी. इससे पहले मंगलवार (29 अक्टूबर) को MUDA के पूर्व कमिश्नर डीबी नटेश को हिरासत में लिया गया था, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनसे पूछताछ की थी.

2020 से 2022 तक के अपने कार्यकाल के दौरान नटेश ने सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को 14 प्लॉट्स आवंटित किए थे. हालांकि इन प्लॉट्स को पार्वती ने बाद में वापस करने का फैसला लिया था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी मामले की जांच कर रहा है और उसने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल यह मामला मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की ओर से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूरु शहर के प्रमुख स्थान पर 14 साइटों के कथित अवैध आवंटन से जुड़ा है. 27 सितंबर को अदालत के आदेश पर लोकायुक्त ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. इसके बाद लोकायुक्त ने मामले की जांच शुरू कर दी है. मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 28 अक्टूबर को कर्नाटक के मैंगलोर, बेंगलुरु, मांड्या और मैसूरु में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी. ED ने MUDA से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छह कर्मचारियों को पूछताछ के लिए भी तलब किया था.

ED ने सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है. एफआईआर में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बीएम पार्वती, उनके बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू के नाम हैं. इसमें कहा गया है कि स्वामी ने जमीन खरीदी थी जिसे बाद में पार्वती को उपहार में दे दिया गया था.

सिद्धारमैया का आरोपों से इनकार

ED ने अपने मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों को लागू किया है. इससे एजेंसी को जांच के दौरान व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाने और संपत्ति जब्त करने में मदद मिलती है. सिद्धारमैया ने आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें राजनीतिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. सिद्धारमैया ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.

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