Ram Mandir Ayodhya: अगले महीने होगा भगवान राम का राज तिलक, अयोध्या में एक और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी शुरू
राम मंदिर (अयोध्या, उत्तर प्रदेश)
Ram Mandir Ayodhya: पिछले साल 22 जनवरी 2024 को अयोध्या मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को हुई थी. अब इस प्राण प्रतिष्ठा को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है. अब आयोध्या राम मंदिर में एक और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की जा रही है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भव्य राम मंदिर में एक और प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समारोह में भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद इस महीने के अंत तक मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार या शाही दरबार की स्थापना की जाएगी.
मंदिर निर्माण का समापन
रिपोर्ट के मुताबिक, समारोह की तैयारियां चल रही हैं. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले में इस बार जो समारोह होगा वो उतना भव्य नहीं होगा. यह आयोजन मंदिर निर्माण का एक तरह से समापन भी होगा. जो 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था. जिसमें निर्माण की देखरेख के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया गया था. मंदिर निर्माण समिति का नेतृत्व वर्तमान में प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा कर रहे हैं.
नृपेंद्र मिश्रा ने हाल ही में कहा था कि मंदिर परिसर का निर्माण कार्य इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा, जबकि पार्कोटा या परिसर की दीवार का शेष कार्य इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा. मंदिर में अभी करीब 20,000 क्यूबिक फीट पत्थर लगाया जाना बाकी है. मंदिर का निर्माण 15 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा. मंदिर में मौजूद सभी मूर्तियां जो प्राचीर के बाहर या अंदर हैं, 30 अप्रैल तक यहां आ जाएंगी और लगभग सभी 15 अप्रैल के बीच स्थापित कर दी जाएंगी.
बता दें कि राम दरबार को जयपुर में सफेद मकराना संगमरमर से मूर्तिकार प्रशांत पांडे के नेतृत्व में 20 कारीगरों की एक टीम द्वारा बनाया जा रहा है. परिसर में रामायण के सबसे लोकप्रिय संस्करण रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास की एक विशाल प्रतिमा भी स्थापित की जा रही है.
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अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय
मुख्य राम मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर एक इमारत में अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय बनाया जा रहा है. जिसमें भगवान राम को जीवंत करने वाला एक होलोग्राम, रामायण की घटनाओं की यात्रा और 200 साल लंबे राम मंदिर आंदोलन का इतिहास बताने वाला एक खंड होगा. स्थल पर पुरातात्विक खुदाई के दौरान मिली वस्तुओं को भी संग्रहालय में रखा जाएगा.